भोपाल, प्रदेश में महिलाओं के उत्पीडन तथा सुरक्षा को लेकर सदन में चर्चा कराए जाने को लेकर आज दूसरे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के भेंट चढ गई। प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डा सीताशरण शर्मा को दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करना पडी। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सदन में चर्चा कराने विपक्ष ने आज आसंदी का घेराव किया तथा आसंदी के सामने ही जोरदार नारेबाजी की। गुरुवार का सदन की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने कल की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कल नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा के अंदर और बाहर बंधुआ मजदूर की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि मेरे बीस-पच्चीस साल के कार्यकाल में ऐसा आज तक नहीं हुआ। उन्होंने आसंदी की ओर संकेत करते हुए कहा कि अध्यक्ष का चयन सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सहयोग से होता है। आप हम सबकी सहमति से अध्यक्ष बने हैं, फिर नेताप्रतिपक्ष के द्वारा यह अपमानजनक टिप्पणी क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस व्यवहार के लिए नेताप्रतिपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।चर्चा में भाग लेते हुए संसदीय कार्यमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बयान सदन की परंपराओं के विपरीत है। इसके लिए उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने भी कल के ही मुददे पर आज तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर शोरशराबा शुरु कर दिया।
कांग्रेस विधायक डा गोविंद सिंह ने सरकार पर सदन की मर्यादा समाप्त करने के आरोप लगाते हुए कहा कि तानाशाही पूर्ण शासन चला रहे हो। विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। श्री तिवारी के आरोप के जवाब मंत्री श्री गुप्ता ने नेताप्रतिपक्ष के व्यवहार को सामंतवादी प्रव्रत्ति बताया। उन्होंने श्री तिवारी से कहा कि आपके पिता जी (श्री निवास तिवारी) इसी के खिलाफ लडते रहे हैं। इसी बीच विपक्षी सदस्य आसंदी को घेर कर जोरजोर से नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष श्री शर्मा सदस्यों को अपने स्थान पर जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले में प्रश्नोत्तर काल के बाद आप सवाल उठा सकते हैं अभी प्रश्नोत्तरकाल चलने दिया जाए लेकिन विपक्ष ने उनकी एक नहीं सुनी। इसी बीच पंचायत मंत्री श्री भार्गव ने नेताप्रतिपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग अध्यक्ष से की जिस पर डा शर्मा ने कहा कि अगर नियमानुसार कुछ बात आएगी तो उसपर विचार किया जाएगा। इसी बीच विपक्ष का शोरशराबा जारी रहा। आखिरकार प्रथम बार विधानसभा की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करना पडी। उसके बाद जब दुबारा विधानसभा की कार्यवाही शुरु हुई तो फिर हंगामा शुरु हो गया। आखिरकार पूरा प्रश्नोत्तरकाल हंगामे की भेंट चढ गया।