छिंदवाड़ा, जिला अस्पताल में लगातार लापरवाही के ही मामले सामने आ रहे हैं। करीब एक माह पूर्व चूहे काटे जाने की घटना के बाद वार्ड बॉय लगातार चूहे पकड़ने में ही अपना वक्त जाया कर रहे हैं। जबकि वार्ड में आने वाले गंभीर मरीजों के उनके परिजन स्ट्रेचर खींचकर वार्ड में ले जाने मजबूर है। बुधवार को ऐसे ही दो मामले प्रकाश में आए जब पेट दर्द और बुखार से पीड़ित दो मरीज स्ट्रेचर पर पड़े दर्द से कराह रहे थे लेकिन उन्हे स्ट्रेचर ले जाने कोई वार्ड बॉय मौजूद नहीं था। साथ आई महिला ट्रामा वार्ड में गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी मजबूरी में महिला ने स्वयं स्ट्रेचर खींचकर मरीज को वार्ड तक पहुंचाया, तब जाकर मरीज को उपचार मिल पाया। महिला द्वारा जब वार्ड बॉय के संबंध में जानकारी ली गई तो उसे बताया गया कि वार्ड बॉय पकड़े चूहों को छोड़ने इनर ग्राउंड गए हैं।
:: अब तक पकड़े आधा सैकड़ा चूहे
अस्पताल के जिन चूहों को पकड़ने लाखों रूपये खर्च करने की बात भले ही की जा रही हो लेकिन चूहों को पकड़ना इतना आसान नहीं है। अस्पताल प्रबंधन ने पिछले दिनें वार्ड में चूहों को पकड़ने पिंजरे वितरित किए जिसके फलस्वरूप अक तक 50 चूहे पिंजरों में कैद हुए जिन्हें बोदरी नदी के पास छोड़ा गया है। बुधवार को भी अस्पताल के तीन वार्ड बॉय ने अभियान चलाकर 10 चूहों को पकड़ा जिन्हें बाद में नागपुर मार्ग पर छोड़ा गया।