भोपाल, चिरायु मेडिकल कालेज के डीन वीरेंद्र मोहन को अदालत द्वारा जेल भेज भेजने के बाद अन्य रसुखदारो मे हडंकप मचा हुआ है । गौरतलब है कि सीबीआई ने वीरेंद्र मोहन को न्यायाधीश एससी उपाध्याय की अदालत में पेश किया थ्रा । सीबीआई के वकील सतीश दिनकर ने अदालत को बताया कि वीरेंद्र मोहन चिरायु में एडमिशन कमेटी के सदस्य थे। उन्होंने 28 से 30 सितंबर 2012 के बीच 55 झूठे एडमिशन दिखाए। डीएमई को गलत जानकारी भेजी थी कि संस्थान के पास 9 सीटें खाली है, जबकि वास्तव में 50 सीटें खाली थी। इस दौरान उन्होंने 12 स्कोरर छात्रों को प्रवेश दिया, जिनकी सीटें बाद में खाली कर अयोग्य छात्रों को बेच दी गईं। पीएमटी 2012 की काउंसिलिंग का द्वितीय चरण 29 से 30 सितंबर 2012 तक चला था। इसमें 28 सितंबर को 19, 29 सितंबर को 32 और 30 सितंबर को 4 नए एडमिशन दिए गए। चिरायु ने इस प्रकार कुल 55 सीटों में घालमेल कर लाखों रुपए लेकर अयोग्य छात्रों को सीधा प्रवेश दिया था। सुनबाई के बाद कोर्ट ने वीरेंद्र मोहन को 30 तारीख तक जेल भेजने के साथ जमानत पर सुनवाई बुधवार के लिए रख दी। गौरतलब है कि सीबीआई कोर्ट से अग्रिम जमानत नामंजूर होने के बाद आरोपियों ने जबलपुर हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जियां लगाई हैं। जिनमे डॉ. दिव्या किशोर सतपथी, एलएन के चेयरमैन जयनारायण चौकसे और पीयू देव महंत के साथ ही चिरायु के डॉ. अजय गोयनका और इंडेक्स के चेयरमैन सुरेश भदौरिया सहित अन्य आरोपियो ने अग्रिम जमानत अर्जी लगाई है जिसकी सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं है।