सूरत, गुड्स एन्ड सर्विस टेक्स (जीएसटी) का सूरत में कांग्रेस ने बोलीवुड की फिल्म शोले के अंदाज में विरोध किया| जिसमें दो लोग गब्बरसिंह और कालिया की वेशभूषा में घोड़े पर और ठाकुर जीप में नजर आए.दरअसल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात यात्रा के दौरान जीएसटी और नोटबंदी का जमकर विरोध किया है. उत्तरी गुजरात के साबरकांठा की एक रैली में राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बरसिंह टेक्स बताया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जीएसटी का फूलफार्म काफी वायरल हुआ था. अब गुजरात कांग्रेस जीएसटी के मुद्दे पर भाजपा को आडे हाथ लेने की कोई कसर नहीं छोड़ रही. मंगलवार को कांग्रेस ने सूरत में टेक्सटाइल मार्केट में रैली निकालकर जीएसटी का अनोखा विरोध किया. इस रैली में बोलीवुड की फिल्म शोले के अंदाज में तीन लोग गब्बरसिंह, कालिया और ठाकुर भी शामिल हुए. कांग्रेस ने जीएसटी के विरोध में गब्बरसिंह के गिरोह को मैदान में उतार दिया. गब्बरसिंह और कालिया बंदूक के साथ घोड़े पर सवार थे. गब्बरसिंह के कपड़े पर जीएसटी लिखा हुआ था. वहीं एक गाड़ी में ठाकुर भी सवार दिखे और शेष लोग काले वस्त्रों में रैली में शामिल हुए| रैली में शामिल गब्बरसिंह और उसके गिरोह को देखने बड़ी संख्या में लोग जमा हुए| हांलाकि बाद में पुलिस ने गब्बरसिंह गिरोह को हिरासत में ले लिया| हिरासत का कारण बताते हुए पुलिस ने कहा कि इन लोगों ने बगैर किसी मंजूरी के एयरगन, बंदूक और बुलेट का उपयोग किया है, जो नियमों का उल्लंघन है| इससे पहले सूरत में गब्बर और ठाकुर के पोस्टर्स भी दीवारों पर देखने को मिले थे. जीएसटी पर निशाना साधते हुए मीम में शोले फिल्म के डायलोग का उपयोग किया जा रहा है. शोले में ठाकुर की भूमिका अदा करनेवाले संजीव कुमार ने जिस प्रकार कहा था गब्बर मैं आ रहा हूं. उसी तर्ज पर पोस्टर्स में कहा गया है कि जीएसटी मैं आ रहा हूं. अन्य पोस्टरों में भी शोले की टेगलाइन का उपयोग किया गया है और कहा गया है कि ये बोलीवुड अभिनेता देश की स्थिति से नाखुश हैं.
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद अहमदाबाद और सूरत में व्यापारियों ने काफी विरोध किया था. कांग्रेस द्वारा खासकर सूरत के व्यापारी वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है.8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सूरत आए थे. उस दौरान उन्होंने सूरत के छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी, टेक्सटाइल, हीरा उद्योग के लोगों से मुलाकात की थी| बाद में व्यापारियों के साथ संवाद भी किया था.