नई दिल्ली,आजकल वर्कप्लेस हो या फिर घर, स्ट्रेस किसी भी सूरत में आपके लिए अच्छा नहीं होता है। यह भी सही है कि वर्क प्लेस में आपको कई तरह के प्रेशर से गुजरना होता है। कई बार ऐसा होता है, जब आप एक साथ में कई प्रॉजेक्ट पर काम करना पड़ता है। स्ट्रेस में रहकर आपका वर्क-होम के बीच तालमेल भी नहीं बैठा पाते हैं। स्ट्रेस आपकी लाइफ में न रहे, इससे बचने के लिए जरा सी कोशिश करनी होती है। इस स्ट्रेस लेवल कम हो जाता है। इस कला को स्ट्रेस मैनेजमेंट कहा जाता है। इसलिए जरूरी है कि इस गुर को सीखें और वर्क प्लेस पर खुश रहें। विशेषज्ञ मानते हैं कि टाइम मैनेजमेंट का सही न होना स्ट्रेस के प्रमुख कारणों में से एक है। जब दिन की शुरुआत में समय को महत्व देते हुए काम करते हैं,तो सभी काम आराम से हो जाते हैं। बेहतर प्लानिंग से स्ट्रेस खुद ही कम होने लगता है।आपके पास काम का अनुभव है,लेकिन समय से चीजों को नहीं कर पाते, तो सब बेकार है। इंडस्ट्री में डेडलाइन का महत्व होता है। आप डेडलाइन फॉलो नहीं करते हैं तो आप दबाव में आ जाते हैं। ऐसे में गलती होने की संभावना बढ़ जाती है।
आप स्ट्रेस में हैं, तो ऑफिस में टीम मेंबर्स, फ्रेंड्स और फैमिली से जरूर बाते करें। बात शेयर करने के क्रम में हो सकता है कि आपको किसी से सही सलाह मिल जाए, जोकि आपके लिए फायदेमंद साबित हो। उन्हें खुलकर बताएं कि आपकी परेशानी की मुख्य वजह क्या है। स्ट्रेस में हैं, तो काम से ब्रेक लें। ऐसे वक्त में आपको फैमली या फ्रेंड्स के साथ आउटिंग पर जाना चाहिए। इसके अलावा आप जितना मेंटल वर्क करते हैं, उसी के हिसाब से फिजिकल वर्क भी करें। लाइफ में बैलेंस बनने से स्ट्रेस दूर हो जाएगा। वर्क प्लेस पर आप अच्छा खासा टाइम बिताते हैं। इसलिए जरूरी है कि इन घंटों के अलावा भी खुद के लिए जिंदगी जीएं। टिफिन ऑवर में मेल और फोन के चक्कर में न पड़ें। इससे स्ट्रेस को लाइफ में आने का मौका देते हैं। काम के बाद मोबाइल से थोड़ी दूरी बनाकर देखें, आप अच्छा फील करेंगे। स्ट्रेस कम होगा।
वर्क प्लेस पर एक दिन में बहुत सारे मैसेज का आदान-प्रदान करना पड़ता है। आज के दौर में कम्यूनिकेशन को वर्क प्लेस पर सबसे जरूरी आवश्यकता के रूप में देखा जाने लगा है। इसलिए जरूरी है कि हम मैसेज से अधिक कम्यूनिकेशन के महत्व को जानें। बहुत बार ऐसा होता है, जब आपको मैसेज से आगे बढ़कर फेस टू फेस कम्यूनिकेशन के साथ प्रॉजेक्ट को डील करना होता है। इसलिए इसमें माहिर होना जरूरी है। इससे समस्याओं का हल निकल जाता है। इसलिए जरूरी है कि कम्यूनिकेशन स्किल को डिवेलप किया जाए। इसका फायदा आपको हर जगह पर मिलता है। बेहतर कम्यूनिकेशन से आप वर्क-लाइफ में बैलेंस बना सकते हैं। स्ट्रेस फ्री होकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा स्ट्रेस होने पर आप दूसरों की बातों को सुनने और खुद की भावनाओं पर काबू रखने की कला को सीखें और लोगों की सलाह को पॉजिटिव वे में लें।
दिन में अपने कामों के बीच गैपिंग जरूर रखें। सुबह उठने के बाद से रात को सोने के पहले तक आप अपने घंटों को कामों के आधार पर डिवाइड कर लें। इस बीच में खुद के लिए दो मिनट का समय निकालें और यह आंकलन करें कि आप कैसा काम कर रहे हैं। कहां आपको बेहतर करना है, ताकि वर्किंग प्रॉसेस में स्ट्रेस न आने पाए। आप स्ट्रेस में होते हैं, तो आपको शारीरिक तौर पर भी नुकसान उठाना पड़ता है, जैसे कि बहुत सारे लोगों को सिर में दर्द होता है। बहुत लोगों को कंधे में दर्द हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप योग का सहारा लें। लंबी सांसें लें। खुलकर हंसें। इन तरीकों को अपनाकर आप लाइफ से स्ट्रेस को दूर भगा सकते हैं।