भोपाल,विधान सभा के छह दशकों से अधिक की कार्यवाहियों एवं विधायी अभिलेख को संरक्षित व संधारित करने के उद्देश्य से विधान सभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने मंगलवार को विधान सभा परिसर में प्रौद्योगिकी एवं सूचना तकनीकी के माध्यम से डिजिटल रूपांतरण केन्द्र का शुभारंभ किया। इस केन्द्र की स्थापना से मध्यप्रदेश विधान सभा के गठन से अब तक की कार्यवाहियॉ, आसंदी की व्यवस्थाए, पुराने अभिलेख, पुस्तकालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज, दुर्लभ पुस्तकें, सभा समितियों के प्रतिवेदन एवं पत्र-पत्रिकाओं का जहां संधारण सुनिश्चित होगा, वहीं विधान सभा सदस्यों को सहज संदर्भ हेतु आवश्यक अभिलेख भी तत्काल उपलब्ध हो सकेगा।संस्थागत अभिलेख संधारण के लिए प्रौद्योगिकी एवं सूचना तकनीकी को समाहित करते हुए डिजिटाईजेशन को सर्चेबल किये जाने के उद्देश्य सेविधान सभा सचिवालय द्वारा यह अभिनव पहल की गई है। ज्ञातव्य है कि भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के साथ प्रस्तावित ई-विधान योजना अंतर्गत अभिलेखों के डिजिटाइजेशन हेतु राज्य योजना आयोग के माध्यम् से प्राप्त प्रस्ताव उपरांत अध्यक्ष विधान सभा के मार्ग दर्शन में परियोजना प्रतिवेदन शासन के मेप आई टी विभाग के माध्यम् से तैयार किया गया एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति के अनुमोदन उपरांत इस प्रस्ताव के कार्यान्वयन संबंधी कार्यवाही की गई।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधान सभा में किये डिजिटाइजेशन कार्य का विधान सभा के अधिकारियों के दल ने अवलोकन भी किया। मेसर्स परिसिसिटेंट द्वारा प्रथम चरण में इस कार्य अंतर्गत 25 वर्षों के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया जाकर सर्चेबल बनाया जाएगा।विधान सभा परिसर में तैयार किये गये डिजिटाइजेशन लैब कक्ष के उदघाटन अवसर पर विधान सभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह, मंत्रीगण, विधायकगण सहित विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
विधान सभा में डिजिटल रूपांतरण केन्द्र का शुभारंभ
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