लखनऊ,कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ‘‘यूपी नाइट‘‘ का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश की विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन कलाकारों द्वारा किया गया।
संस्कृति विभाग के निदेशक हीरा लाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत की झलक का प्रस्तुतीकरण नृत्य संगीत के माध्यम से किया गया। मथुरा वृंदावन बुंदेलखंड से आए सांस्कृतिक दल ने अपना-अपना प्रदर्शन किया है। जिसमें चरकुला नृत्य आदि शामिल है। निदेशक ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोगों ने अपना महत्वपूर्ण समय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को दिया और उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। भगवान श्री कृष्ण के उस पक्ष को भी समझा जो संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। भारतीय सांस्कृतिक परंपरा, गौरव और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दृश्यों को भी देखा।
उन्होंने बताया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में भगवान श्री कृष्ण के जन्म, उनके पिता वासुदेव द्वारा खराब मौसम में टोकरी में रखकर उनका जीवन बचाने के लिए उनको गोकुल में मां यशोदा के घर पहुंचाने के दृश्य को तथा यशोदा के घर भगवान श्री कृष्ण के जन्म होने पर खुशी एवं जन्म का खुशनुमा वातावरण को दिखाया गया है। संस्कृति निदेशक ने बताया कि महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनियों में पर्यटन विभाग की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसमें ‘‘आस्था से पर्यटन तक और पर्यटन से रोजगार तक‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार की जो नीतियां हैं उस में पर्यटन को विशेष तौर पर धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया गया है। जितनी भी सुविधाएं अन्य उद्योगों को दी गई है, उत्तर प्रदेश सरकार ने वह सभी सुविधाएं पर्यटन से जुड़े उद्योगों को भी दी हैं। तमाम प्रकार के धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया गया है और आस्था से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी नई योजनाएं भी प्रारंभ की गई है। उन्होंने कलाकरों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ‘‘यूपी नाइट‘‘ का आयोजन
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