मुंबई,सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट देता है और बोर्ड को पता है कि फिल्म में क्या होना चाहिए और क्या काट देना चाहिए। यह पैनल के सदस्यों का काम है जिन्हें सरकार द्वारा नामित किया गया है। फिल्म को मंजूरी देना या रोकना सेंसर बोर्ड की जिम्मेदारी है, जनता या सरकार की नहीं। मालूम हो कि संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर पहले तो कुछ भी बोलने से मना कर दिया था लेकिन अब उन्होंने फिल्म को लेकर हो रहे विरोध को गलत बताया है। पहलाज निहलानी पर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान कई फिल्मों को रोकने के आरोप भी लगते रहे हैं। निहलानी ने आगे बात करते हुए कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में ऐसा कुछ नहीं किया है। मैंने एक फिल्म को लेकर कभी देरी नहीं की चाहे वह छोटे या बड़े किसी भी बजट की फिल्म हो। सीबीएफसी के लिए सभी फिल्में महत्वपूर्ण होती हैं।