लखनऊ, उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में दूसरे चरण के लिए मतदान के बीच राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की तमाम शिकायतें आई हैं। कई जगह तो दिग्गज नेताओं के भी नाम गायब मिले। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र जब लखनऊ में मतदान करने पहुंचे तो वोट नहीं डाल पाए, क्योंकि मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था। उधर वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब था। गौरतलब है कि रविवार को उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान था। इसमें 25 जिलों के 189 नगरीय निकायों के लिए मतदान हुआ, जहां तीन हजार 790 पदों के लिए 24 हजार 622 प्रत्याशी मैदान में हैं।
सुबह साढ़े सात बजे मतदान शुरू हुआ और इसी के साथ यह शिकायत आने लगी कि मतदाता सूचियों से लोगों के नाम नदारद हैं। अकेले लखनऊ में ही इस तरह की सैकड़ों शिकायतें दर्ज की गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ओएसडी जैनेंद्र सिंह का नाम भी वोटर लिस्ट से नदारद था। गोमतीनगर के विशाल खंड के 17 घरों के किसी का भी नाम वोटर लिस्ट में नहीं था। इस पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सवाल उठाए। उन्होंने कहा है कि ऐसा डिजिटल इंडिया हमें आगे नहीं ले जा सकता, जहां वोटर लिस्ट से बड़े नेताओं के नाम भी गायब हो जाएं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के मतदान वाले जिलों से जो शिकायतें मिली हैं, उनके आधार पर कहा जा सकता है कि मतदाता सूचियों से ऐसे लोगों के नाम नदारद थे, जो भाजपा को वोट नहीं देते हैं। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के मतदाता सूचियों से नाम गायब होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है।