मुलताई,ताप्ती सरोवर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नगर पालिका द्वारा सीवर लाईन का प्रोजेक्ट तो बनाया गया लेकिन विगत तीन वर्षों से मामला डीपीआर पर ही अटका हुआ है। डीपीआर में खामियॉ होने के कारण अभी तक सीवर लाईन की डीपीआर ही स्वीकृत नही हुई है जिससे ताप्ती को प्रदूषण मुक्त करने का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्टर अधर में लटका हुआ है। नगर के ताप्ती सरोवर में जिस नाले से बारिश का पानी ताप्ती सरोवर में आता उस नाले के हाल-बेहाल है। नाले में अनेकों घरों के गटर का पानी आकर मिलता है और यही गटर का पानी सरोवर में आता है। अलग से सीवर लाईन बनाने और नाले पर फिल्टर प्लांट लगाने के लिए नगर पालिका ने डीपीआर बनाई है, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिल पाया है, पूरा मामला फाइलों तक ही सीमित है।$ तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक नगर पालिका डीपीआर स्वीकृत नहीं करवा पाई है, जब डीपीआर ही स्वीकृत नहीं हुई तो सीवर लाईन कैसे बन पाएगी। नगर पालिका से प्राप्त सूत्रों के अनुसार सीवर लाईन के डीपीआर में कुछ खामियॉ उच्चाधिकारियों द्वारा निकाली गई है जिससे डीपीआर स्वीकृत होने में विलंब हो रहा है। पार्षद निर्मला बेले ने बताया कि मां ताप्ती के सरोवर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है लेकिन तकनीकि खामियों के चलते एैसा लग रहा है कि इस परिषद में सीवर लाईन प्रोजेक्ट शायद ही पूर्ण हो। आचमन से होती है भावनाएॅ आहतजहॉ एक ओर तीर्थयात्री एवं श्रद्धालु ताप्ती सरोवर के जल का आचमन करते हैं वहीं दूसरी तरफ उसी जल में लोगों के गटर का पानी समाहित होता है। एैसी स्थिति में आचमन करते समय लोगों की भावनाएॅ भी आहत होती है लेकिन इसके बावजूद नगर पालिका सीवर लाईन प्रोजेक्ट को गंभीरता से नही ले रही है। पुराणों में मां ताप्ती को पुण्य सलिला, मुक्तिदायिनी एवं पाप नाशिनी बताया गया है लेकिन उसी ताप्ती जल की उद्गम स्थल पर ही दुर्दशा देखकर ताप्ती भक्तों में रोष व्याप्त है। ताप्ती भक्त राजू पाटनकर ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को जब यह पता चलता है कि जल शुद्ध नही है तो वे ताप्ती जल का आचमन करने से कतराते हैं इसलिए नगर पालिका द्वारा सर्वप्रथम सीवर लाईन प्रोजेक्ट पर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।इनका कहना डीपीआर स्वीकृत होते ही नगर पालिका द्वारा प्रमुखता से सीवर लाईन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। राहुल शर्मा सीएमओ नगर पालिका मुलताई।