छत्तीसगढ़ के दस पिछड़े जिले प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले जिलों में भी शामिल

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के दस जिलों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष प्राथमिकता देने और इन जिलों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के निर्णय का स्वागत किया है। इनमें नक्सल हिंसा पीड़ित आठ जिलों सहित कोरबा और महासमुन्द जिलों को भी शामिल किया गया है। नक्सल समस्या ग्रस्त राजनांदगांव जिले को और बस्तर संभाग के सभी सात जिले – बस्तर (जगदलपुर), कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा भी इनमें शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह ने इस फैसले पर खुशी जताई है और प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने आज कहा कि प्रधानमंत्री के इस निर्णय से बस्तर अंचल सहित प्रदेश के अन्य तीन जिलों में भी विकास के लिए राज्य और केन्द्र अब और भी अधिक तालमेल के साथ काम करेंगे। इससे बस्तर संभाग केे जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में निश्चित रूप से तेजी आएगी। केन्द्र और राज्य के अधिकारियों में समन्वय और अधिक बढ़ेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक नये भारत के निर्माण के अपने विजन को अमलीजामा पहनाने के लिए देश के 115 पिछड़े जिलों को चिन्हांकित किया है और इन जिलों के त्वरित विकास के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अखिल भारतीय सेवाओं के 115 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी का दायित्व सौंपा है। इनमें से अधिकांश भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और केन्द्रीय मंत्रालयों में कार्यरत हैं। ये अधिकारी केन्द्र के एडिशनल और ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के हैं, जो संबंधित जिलों में केन्द्र तथा राज्य सरकार के बीच समन्वय करते हुए योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। सभी 115 जिलों का चयन वहां गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और शिक्षा तथा अधोसंरचना विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से किया गया है। इन जिलों के लिए नियुक्त होने वाले प्रभारी अधिकारी संबंधित जिलों में राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों की टीम के साथ विभिन्न विकास योजनाओं के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगें।

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