नई दिल्ली, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद की रिहाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद की रिहाई और अमेरिका की ओर से पाकिस्तानी सेना को लश्कर फंडिंग के मामले में क्लीन चिट को लेकर मोदी और ट्रंप की दोस्ती पर तंज कसा है। राहुल ने लिखा, नरेंद्रभाई बात नहीं बनी, आतंक का मास्टरमाइंड आजाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने लश्कर फंडिंग मामले में पाक सेना को क्लीन चिट दे दी, गले लगाने की नीति काम नहीं आई, जल्द ही और गले लगाने की जरूरत है। बता दें कि शुक्रवार को ही पाक अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद को जेल से रिहा कर दिया था। भारत समेत कई मुल्कों ने पाकिस्तान के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। अमेरिका ने भी पाक सरकार को हाफिज सईद को तुरंत गिरफ्तार करने की चेतावनी दी है। उधर, हाफिज ने रिहा होते ही कहा था कि भारत के अनुरोध पर अमेरिका के दबाव में उसे हिरासत में लिया गया था। हाफिज का जेल से बाहर आना भारत और अमेरिका जैसे देशों के लिए कड़ी चुनौती से कम नहीं है। हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देने का फैसला भी किया था। साथ ही आतंकी संगठन लश्कर से पाक सेना को फंडिंग मामले में भी अमेरिका ने क्लीन चिट दी है। इन मुद्दों को उठाते हुए राहुल गांधी ने मोदी और ट्रंप की दोस्ती पर तंज कसा है। दोनों नेताओं के गले मिलने को राहुल ने ‘हगफ्लोमेसी’ बताया है। केंद्र सरकार अमेरिका से अच्छे रिश्तों की बात लगातार कहती आई है। साथ ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप हों या फिर पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा, दोनों ही नेताओं से मोदी के रिश्ते दोस्ताना रहे हैं। मोदी पर राहुल के तंज के बाद बीजेपी ने भी घेराबंदी शुरू कर दी है। पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया, राहुल बाबा, आदत नहीं बदली, एक बार तो देश के साथ खड़े रहो, न कि आदत के मुताबिक आंतकियों के साथ। तुम लश्कर के समर्थक हो। विकीलीक्स और इशरत जहां मामले में तुम्हारे लिंक खुल चुके हैं। जीवीएल को जवाब देने कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी भी मैदान में कूद पड़ीं। उन्होंने ट्वीट किया, गले लगना तो आपकी पार्टी के मुखिया का सिग्नेचर स्टाइल है। देश भूला नहीं कि कौन पाकिस्तानी पीएम के घर की शादी में बिन बुलाए मेहमान थे। कंधार में तीन कुख्यात आतंकियों को रिहा करने का भाजपा का इतिहास कौन नहीं जानता?