बारूद लगाकर ब्लास्ट कर दी गई वनक्षेत्र की चट्टानें

मण्डला/बीजाडांडी, वन क्षेत्र के अंतर्गत जहां ब्लास्टिंग का कार्य किया ही नहीं जा सकता वहां निर्माण कंपनी ने खुले आम बारूद लगाकर चटटानों को उडा दिया। पिछले एक सप्ताह से इस ब्लास्टिंग की तैयारी की जा रही थी हमारे द्वारा लगातार खबरों के माध्यम से ध्यानाकर्षण किया जा रहा था परंतु वनों की रक्षा करने वाला वन विभाग अपने ही वन क्षेत्र की सुरक्षा नहीं कर पाया। बारूद लगाकर खुलेआम ब्लास्टिंग की गई और बडी बडी चटटानों को उडा दिया गया। कुल मिलाकर सांठगांठ का तंत्र चल रहा है यदि अधिकारियों को नियम कानून का पालन कराना नहीं आता है तो सरकार से अनुरोध करके ऐसे नियम कानून खत्म करा दिये जाने चाहिए। रसूखदार निर्माण कंपनी की जगह यदि कोई गरीब नागरिक वन क्षेत्र में कोई नियम विरूद्व कृत्य करता हुआ पाया जाता तो यही वन विभाग इसे सूली पे चढाने से भी नहीं चूकता। कुल मिलाकर ताकतवर पूंजी पतियों के आगे वन विभाग प्रशासन सब नत मस्तक नजर आ रहे हैं। नियम कायदे कचरे की टोकरी में डाल दिये गये हैं जैसी मर्जी वैसा काम की तर्ज पर विकास का पैमाना तैयार किया जा रहा है। जबलपुर से मण्डला सडक निर्माण किस गुणवत्ता के साथ हो रहा है इसकी जानकारी न तो जिम्मेदार विभाग को है और न ही कोई इसे जानने की जहमत उठाता है। निर्माण कंपनी वो सारे काम कर रही है जो शासन की नियमावली में अवैध कहे जाते हैं। मनमानी खुदाई से लेकर वनक्षेत्रों में ब्लास्टिंग किये जाने जैसे कृत्य कहीं न कहीं कंपनी को प्रशासनिक संरक्षण मिले होने की ओर इशारा कर रहे हैं। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने गंभीर हैं यह भी स्पष्ट रूप से समझ आ रहा है। जिन प्रतिनिधियों के क्षेत्र में यह निर्माण कार्य चल रहा है कभी उन जनप्रतिनिधियों ने इस निर्माण को लेकर सवाल जवाब नहीं किये हैं। खुद जनप्रतिनिधियों को ही इस प्रोजेक्ट की लागत के बारे में ही पता नहीं होगा तो ये जनप्रतिनिधि कैसी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, उनके क्षेत्र में विकास किया जा रहा है और उन्हें यह तक सुध नहीं है कि वह विकास कैसा हो रहा है। कुल मिलाकर हर कोई मिला हुआ प्रतीत हो रहा है। मिला जुला तंत्र इस कार्य में लगा हुआ है, नियमों की धज्जियां उड रही हैं और सब खामोश हैं।

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