लाहौर, 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद गुरुवार को रिहा हो गया। सईद की रिहाई के बाद पाकिस्तान के आतंकप्रेम की पोल खोलते हुए सईद के वकील एके डोगर ने बताया कि हाफिज सईद के खिलाफ पाक सरकार ने अगर आदालत में सबूत पेश किए होते तो उसकी रिहाई संभव नहीं होती। पाक सरकार ने रिव्यू बोर्ड से हाफिज सईद की नजरबंदी की अवधि तीन महीने बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उसने सईद की गतिविधियों से जुड़े कोई सुबूत पेश नहीं किए।
इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाफिज की रिहाई संभव हुई।
एके डोगर ने बताया पाकिस्तान की सरकार ने कोर्ट में कभी कोई सबूत पेश नहीं किया। भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को सौंपे गए डोजियर (अभिलेख) भी अदालत को नहीं दिए गए। अदालत ने सरकार से कहा कि अगर वह सबूत दे तो हाफिज सईद की नजरबंदी की अवधि बढाई जा सकती है, लेकिन फिर भी सरकार ने कोई सुबूत देने की कोशिश की नहीं की। डोगर ने बताया इसके बाद ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड ने हाफिज सईद के सारे रिकॉर्ड खंगाले और पाकिस्तान की पंजाब सरकार से कहा कि सईद को अब ज्यादा दिन नजरबंदी में नहीं रखा जा सकता।