भोपाल/इंदौर, राजधानी सहित पूरे प्रदेश को शर्मसार कर देने वाले गैंगरेप मामले पर सरकार ने बड़ा बयान दिया है। मप्र के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में गैंगरेप पीडि़ता को बहादुर बताया, इसके साथ ही पीडि़ता को पहले पद्मावती अवार्ड की हकदार बता दिया। गृहमंत्री ने कहा- लड़की जिस तरह से डटकर कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है और खुलकर सामने आई हैं, वह एक मिसाल कायम कर रही है। इसलिए उसे रानी पद्मावती पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा- इसके लिए हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जल्द अंतिम निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही राजपूत रानी पद्मावती पुरस्कार की स्थापना की घोषणा की है।
कांग्रेस का कटाक्ष
क्या पीडि़ता की पहचान सार्वजनिक करेगी सरकार
पीडि़ता को पद्मावती-सम्मान दिए जाने के बयान पर कांग्रेस ने कटाक्ष किया है। कांग्रेस ने कहा कि गृह मंत्री जी द्वारा कही जाना एक लज्जाजनक और अशोभनीय विचार है। जिस देश में रेप अथवा गैंगरेप की शिकार पीडि़ता के नाम का प्रकाशन और चेहरे का प्रसारण प्रतिबंधित हो, वहां मुख्यमंत्री जी के निर्णय से गृह मंत्री जी द्वारा प्रदेश की जनता को अवगत कराना पीडि़ता का सम्मान है या अपमान? मुख्यमंत्री अथवा गृह मंत्री को नियम विरुद्ध इस निर्णय की जानकारी देने के लिए योग्य सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
हर रोज बंद कमरे में होगी सुनवाई
31 अक्टूबर को हुए पीएससी की छात्रा से गैंगरेप के मामले में मंगलवार से गवाहों के बयान दर्ज होने शुरू हो गए। आरोपियों रमेश उर्फ राजू मेहरा, गोलू उर्फ बिहारी, अमर उर्फ गुल्टू और राजेश उर्फ चेतराम के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सविता दुबे की अदालत में बयान दर्ज हुए। इस मामले की सुनवाई रोजाना बंद कमरे में होगी। पहले दिन मामले के गवाह के रूप में छात्रा के पिता के बयान हुए। इस दौरान जेल में बंद मामले के चारों आरोपियों को पुलिस घेरे में कोर्ट में पेश किया गया। मामले की सुनवाई के पहले ही दिन गवाहों को समय से कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं कर पाने को लेकर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को कड़ी फटकार लगाई। जज ने कहा कि, जिन लोगों को अदालत से गवाही के लिए समंस भेजा जा रहा है उन्हें आवश्यक रूप से अदालत में उपस्थित रखें। कोर्ट ने मामले में लगातार होने वाली सुनवाई के लिए गवाहों को समय से सूचित करने के लिए समय पर समंस जारी करने के लिए अभियोजन पक्ष को गंभीरता से काम करने के लिए कहा है।
महिला वकील कर रही आरोपियों की पैरवी
बता दें कि महिला वकील जीनत अनवर ने इस छात्रा के साथ गैंगरेप के चार आरोपियों की पैरवी करने से मना कर दिया था। इसके बाद विधिक सहायता प्राधिकरण के हस्तक्षेप के बाद एक अन्य महिला वकील आरोपियों की पैरवी कर रही हैं।
इंदौर में झकझोर देने वाली वारदात
12 साल की दुष्कर्म पीडि़ता ने बच्चा जन्मा
इंदौर। इंदौर में समाज को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। खरगोन के टांडाबरुड़ निवासी 12 वर्षीय दुष्कर्म पीडि़ता ने ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया है। परिजनों का कहना है वे नवजात को अपने साथ रखेंगे। इसके साथ ही कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। पुलिस के अनुसार आठ महीने पहले मासूम को डरा-धमकाकर उसके चचेरे भाई ने अपनी हवस का शिकार बनाया था।