नई दिल्ली,भारत की सैन्य ताकत लगातार बढ़ती जा रही हैं इसके कारण भारत के पड़ोसी मुल्क भारत से खौफजाद है। इसी कड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का बुधवार को सुखोई-30 फाइटर जेट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट से किया गया हो। इस मिसाइल को दो इंजनों वाले सुखोई विमान से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया। ये मिसाइल दुश्मन की सीमा में घुसकर लक्ष्य भेदने में सक्षम है। ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना ज्यादा 2.8 मारक की गति से हमला कर सकती है। फाइटर जेट से मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल के इस परीक्षण को डेडली कॉम्बिनेशन’ कहा जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों,कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दूर से ही निशाना बना सकती है। इस मिसाइल का वजन 2.9 टन होता है,लेकिन जिस मिसाइल का परीक्षण हुआ,उसका वजन 2.4 टन था। सेना ने 290 किलोमीटर की रेंज में जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर लिया है, इस मिसाइल के लिए 27,150 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए गए हैं। इस परीक्षण के बाद भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इस एक विश्व रिकॉर्ड बताया।