रालेगण सिद्धि,सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ नया अभियान शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने एक बयान में कहा कि 2011 में शुरू किए गए पहले आंदोलन के बाद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार लोकपाल कानून पारित करने पर बाध्य हुई थी। अन्ना ने कहा कि दुर्भाग्य से सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने लोकपाल कानून की धारा 44 में बदलाव कर इसे और कमजोर कर दिया, इस स्थिति में एक आंदोलन की फिर से जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद नई सरकार सत्ता में आई। देश के लोगों को इस सरकार से अत्यधिक आकांक्षा थी, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद मोदी सरकार ने न तो लोकपाल-लोकायुक्त कानून को लागू किया न भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई कदम उठाया।