मेरठ,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक एवं पेषे से लोहा कारोबारी सुनील गर्ग की रविवार रात हत्या कर दी गई। हत्यारों ने धारदार हथियारों से उनका सिर, चेहरा और गर्दन काट डाली और बोरे में बंद कर लाश थाना मेडिकल क्षेत्र में सड़क किनारे फेंक दी। पुलिस को आषंका है कि कारोबारी लेनदेन के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार देवी नगर में रहने वाले सुनील गर्ग (56) का सूरजकुंड में लोहे का कारोबार था। वह भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे और संगठन के कार्यक्रमों में देखे जाते थे। बताया जाता है कि सुबह दस बजे सुनील सूरजकुंड वार्ड से भाजपा उम्मीदवार के साथ जनसंपर्क किया था। इसके बाद डेढ़ बजे घर चले गए। शाम सवा चार बजे के करीब वह पत्नी रश्मि से यह कहकर बाइक से गए थे कि कुछ जरूरी काम निपटाकर थोड़ी देर में लौट आएंगे। इसके बाद वह शाम तक नहीं लौटे। उनका मोबाइल कवरेज एरिया से बाहर बता रहा था। उनके वापस न लौटने पर उनकी तलाष शुरू हुई लेकिन कुछ पता नहीं लगा। थक हारकर भाई संजीव गर्ग ने सिविल लाइंस थाने में सूचना दी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी। इस दौरान पुलिस को राहगीरों से सूचना मिली कि थाना मेडिकल क्षेत्र में स्थित नाले के पास सड़क किनारे बोरे में बंद लाश पड़ी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उधर, पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों ने शव की षिनाख्त की।
बदमाशों ने धारदार हथियारों से बहुत बेरहमी के साथ सुनील गर्ग की हत्या की। हाथ पैर बांधकर शव को बोरे में बंद कर दिया और मंगल पांडे नगर के नाले में फेंक दिया। चेहरे और गले पर धारदार हथियारों कई निशान थे। प्रत्यक्षदर्षियों के मुताबिक हत्यारे लाश को बसपा कार्यालय के सामने नाले फेंकने वाले थे मगर लाश नाले में गिरने की बजाय सड़क किनारे गिर गई। हड़बड़ी में बदमाश शव को वहीं छोड़कर भाग गए। बोरे में बंद लाश नाले में गिर जाती तो कई दिन शव का पता लग पाना मुश्किल था। वहीं यशलोक हॉस्पिटल के बाहर से कारोबारी की बाइक पार्किंग में खड़ी मिली है। पुलिस यहां से सीसीटीवी फुटेज निकलवा रही है कि आखिर सुनील गर्ग की बाइक यहां तक कैसे पहुंची। वहीं पुलिस सर्विलांस का भी सहारा ले रही है। पुलिस ने कारोबारी के नंबर की सीडीआर निकलवाई है। हत्या करने वाले कौन है, क्यों हत्या की गई है। इसकी पड़ताल में पुलिस जुटी हुई है।