‘तू मेरी नहीं होगी तो किसी की भी नहीं ‘ कहने पर 3 साल जेल

नीमच,महिला को धमकाना एक युवक को महंगा पड़ गया। उसने महिला से कहा था- ‘तू मेरी नहीं होगी तो किसी की भी नहीं होने दूंगा कहने के आरोपी को माननीय न्यायालय ने 3 साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेश भदकारिया ने सुनाया है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरआर चौधरी के अनुसार- 20 सितंबर 2015 की शाम करीब 7.30 बजे नीमच के बघाना की एक नाबालिग बालिका फतेह चौक से घर की ओर लौट रही थी। तभी चौक में श्रीराम चाय की दुकान के सामने नया बाजार नीमच के राजेश उर्फ कप्तान पिता गंगा प्रसाद शर्मा (42) ने रास्ता रोक लिया। नाबालिग का रास्ता रोककर हाथ मरोड़ दिया और बोला- तू मेरी नहीं होगी तो किसी की भी नहीं होने दूंगा। इस घटना से घबराकर नाबालिग ने शोर मचाया तो परिचित चंचल उर्फ मुन्ना और रोहित शुक्ला पहुंचे। उन्होंने नाबालिग को छुड़ाया और घर पहुंचाया। नाबालिग ने घर पहुंचकर घटना की जानकारी मां व चाचा को दी। इस पर उन्होंने बघाना थाने पहुंचकर आरोपी राजेश उर्फ कप्तान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। साथ ही बताया कि आरोपी लगातार तीन साल से नाबालिग को परेशान कर रहा था। मामले की गंभीरता को देख पुलिस ने भादवि की धारा 354, 354 ख और पॉस्को एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। जांच पूर्ण कर पुलिस ने चालान माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। नाबालिग, घटना के साक्षियों और अन्य साक्ष्यों के परीक्षण से आरोप प्रमाणित हुए। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला लोक अभियोजन अधिकारी चौधरी के तर्कों से सहमत होकर आरोपी कप्तान को 3 साल के सश्रम कारावास और 4 हजार स्र्पए के अर्थ दंड की सजा सुनाई। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चौधरी ने की।
इस आधार पर दी गई सजा
प्रकरण के विचारण के अंत में आरोप प्रमाणित होने पर जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने सजा के लिए तर्क दिया कि आरोपी ने पीडि़त नाबालिग से सरेआम छेडख़ानी की है। आरोपी का यह कृत्य महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करेगा। इसके लिए इसे कठोर दंड की सजा दी जाए। इस पर न्यायालय ने भी सहमति दे दी।

 

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