नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक दोषी नरेश चौबे की सजा वृद्वावस्था और बीमारी को देखते हुए माफ कर दी है। चौबे को 3 साल की सजा सुनाई थी। जस्टिस अरुण मिश्र और एल नागेश्वर राव की पीठ ने एक फैसले में यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दोषी अब 75 वर्ष का हो चुका है और वह बीमार भी है तथा 20 माह जेल में भी रह चुका है। हमारी राय है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा, जिसकी हाईकोर्ट ने भी पुष्टि की है, को काटी गई सजा के रूप में मान लिया जाए है।
– क्या है मामला
अपीलकर्ता जमानत पर है और उसके जमानत बांड डिस्चार्ज किए हैं। पशुपालन विभाग में अधिकारी रहे 75 साल के नरेश चौबे को धोखाधड़ी और अमानत में खयानत (आईपीसी की धारा 420, 471, और 465) में 3 साल की तथा पीसी एक्ट की धारा 13 के तहत 2 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। चौबे और अन्य पर 1995 में सरकारी ट्रेजरी से ६ लाख रु की निकासी का आरोप था। गोहन गो विकास प्रखंड, मुजफ्फरपुर के पशुपालन अधिकारी ने जांच में पाया था कि चौबे और अन्य ने छह लाख रुपये का गबन किया। वर्ष 2002 में ट्रायल कोर्ट ने चौबे को तीन साल और दो साल की सजा सुनाई थी। उसने सजा के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में अपील की लेकिन हाईकोर्ट ने अपील खारिज कर दी। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट में आए। सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि बरकरार रखी लेकिन उसे काटी गई सजा को ही सजा मानकर छोड़ दिया है।