छिंदवाड़ा,मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 200 से ज्यादा किसानों ने कलेक्टर ऑफिस में रात बिताई। ठंड में किसानों परिवारों की महिलाएं और बच्चे खुले में सोते हुए नजर आए। ये किसान माचागोरा बांध के विस्थापित इलाकों में सुविधाओं की मांग कर रहे है। विस्थापित गांव में न तो सड़क है और न ही कोई दूसरी सुविधा। इस मसले को लेकर तकरीबन दो माह से परेशान हो रहे किसानों ने कलेक्ट्रेट को ही अपना ठिकाना बना लिया। ठंड के मौसम में किसान अपने बच्चों और महिला सदस्यों को लेकर पूरी रात कलेक्टर ऑफिस में डटे रहे। रविवार को भी किसान का डेरा जमा हुआ था। किसानों के मुताबिक, बांध बनने के बाद गांव के चारों तरह पानी भर गया है। इस वजह से आवाजाही करने में भारी दिक्कतें हो रही हैं। पानी भरने की वजह से गांव के रास्ते बंद हो गए। पुनर्वास के नाम पर केवल खानापूर्ति करने का आरोप लगाते हुए किसानों का कहना है कि उन्हें कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक उनके गांव में सारे जरूरी इंतजाम नहीं किए जाते, वे यहां से नहीं जाएंगे। हालांकि, प्रशासन ने अब तक किसानों के आंदोलन को खत्म करने की कोई पहल नहीं की है।