कालेधन की वापसी,स्विट्जरलैंड की पार्लियामेंट पैनल से समझौते को मंजूरी, 40 देशों को फायदा

नई दिल्ली,स्विट्जरलैंड में जमा कालाधन वापस लाने की दिशा में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है। समझौता 2018 में लागू होना है और 2019 से भारत सरकार को जानकारी मिलने लगेगी। स्विट्जरलैंड की संसदीय समिति ने समझौते को मंजूरी दी है, जिसमें वहां के बैंक अकाउंट में जमा होने वाले कालेधन की जानकारी भारत सरकार को वास्तविक समय आधार पर मिलेगी। इसे स्वचालित सूचना विनिमय समझौता कहा गया है। इस समझौते को अब शीत सत्र में उच्च सदन से पार्लियामेंट को भेजा जाएगा, जो 27 नवंबर से शुरू हो रहा है। रविवार को कमिशन फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स एंड टैक्सेज काउंसिल ऑफ स्टेट्स ने इस समझौते को मंजूरी दी है। यह पैनल स्विस पार्लियामेंट के अपर हाउस का खास पैनल है। समझौता भारत के अलावा 40 दूसरे देशों से भी किया गया है। हालांकि मंजूरी देते समय पैनल ने यह भी कहा है कि ये देश व्यक्तिगत कानूनी दावा के लिए अपने देश में कानूनी सुरक्षा को मजबूत करे। इस समझौते के तहत अगर किसी भारतीय का स्विस बैंक में अकाउंट है तो इस बारे में बैंक इसके लिए बनी अथॉरिटी को फाइनेंशियल अकाउंट डाटा की पूरी जानकारी देंगे। इसके बाद अथॉरिटी इस डाटा को भारत सरकार के पास ट्रांसफर कर देगी। जिसके बाद भारत में उस अकाउंट होल्डर की निजी जानकारी के बारे में पता लगाया जाएगा। जिसमें उसकी इनकम, उसके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स आदि की जानकारी शामिल होगी।
2019 से मिलेगी जानकारी
गजट नोटिफिकेशन के बाद ही माना जा रहा था कि रियल टाइम डाटा मिलना अब तय है। गजट के फैक्टशीट के मुताबिक, स्विस सरकार भारत के बीमा और वित्त क्षेत्र में और ज्यादा पहुंच बढ़ाना चाहती है। इसके तहत भारत को स्विस बैंक खातों में होने लेनदेन की रियल टाइम इन्फॉर्मेशन मिलती रहेगी। उच्च सदन की आर्थिक मामलों की समिति ने सरकार से यह कहा है कि ऑटोमैटिक इनफॉर्मेशन एक्सचेंज फ्रेमवर्क की सुरक्षा के लिए इसके लिए कुछ अतिरिक्त सेफगार्ड बनाए।
यहीं है सबसे अधिक कालाधन
स्विट्जरलैंड वह देश है, जहां भारत की सबसे ज्यादा ब्लैकमनी जमा है। जी-20, आईइसीडी के साथ अन्य ग्लोबल ऑर्गनाइजेशंस के दायरे में टैक्स के मसले पर भारत और स्विस सरकार के बीच लंबी बातचीत के बाद यह समझौता सामने आया था। इससे पहले स्विस सरकार ने कहा था कि भारत ने इन समझौतो को लागू करने के लिए जरूरी प्रतिबद्धता दिखाई।
अगस्त में जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन
अगस्त में स्विस सरकार ने इस समझौते का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। स्विस सरकार ने यह भी कहा था कि इस समझौते में शामिल होने के लिहाज से भारत सरकार के डाटा सुरक्षा और कानून काफी हैं।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने लगाए आरोप
यूपीए-2 की तरह मोदी सरकार पर भी लग सकते हैं भ्रष्टाचार के आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भी अपना कार्यकाल खत्म होने के पहले करप्शन के आरोप लग सकते हैं। चिदंबरम ने माना कि यूपीए 2 के दौरान कुछ ऐसे हालात हो गए थे कि उस पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे। और यह चीजें तब हुईं, जबकि इस सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला था। चिदंबरम ने कहा – जिस तरह यूपीए 2 के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे वैसा ही मोदी सरकार के साथ भी हो सकता है। हालांकि, मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो। गौरतलब है कि चिदंबरम के बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है।

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