अंबाला,रेलवे के विद्युत सामान्य विभाग ने बिजली बचाने करने के लिए एक सेंसर तैयार किया है। इससे स्टेशनों के अलावा रेलवे कार्यालयों में भी बिजली की बचत हो सकेगी। यह सेंसर रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या के हिसाब से काम करेगा। स्टेशन परिसर, रेलवे कार्यालय, प्लेटफार्म शेड और वेटिग हॉल में अगर कोई यात्री नहीं है, तो 75 फीसद लाइटें सेंसर से अपने आप बंद हो जाएंगी। इसके साथ ही शाखा की ओर से मंडल के 16 स्टेशनों पर नई एलईडी लाइटें भी लगाई गई हैं जिससे सालाना बिजली बिल में 37.30 लाख रुपए की बचत होगी। आमतौर पर रेलवे स्टेशनों पर शाम होते ही सभी लाइटों को ऑन कर दिया जाता है। कई स्टेशन ऐसे हैं, जहां यात्रियों की संख्या न के बराबर होती है और सारी लाइटें रातभर जलती रहती हैं। इससे रेलवे को घाटा हो रहा था। इससे उबरने और बिजली बचाने के लिए अंबाला रेल मंडल की बिजली शाखा ने यह सेंसर बनाया गया है।
16 नवंबर को मोहाली रेलवे स्टेशन पर सेंसर का सफल ट्रायल किया गया था। अब इसे छोटे-बड़े सभी स्टेशनों पर लगाने का निर्णय लिया गया है। इस स्टेशनों पर बदली गई लाइटें मंडल के 16 स्टेशनों पर 100 फीसद एलईडी लाइटें लगा दी गई हैं। इनमें चंडीगढ़, साहिबजादा अजीत सिह नगर, खरड़, न्यू मोरिडा, खुमानो, समराला, ललकलां, दोराहा, चावापायल, खन्ना, गोबिदगढ़, सरहिद, साधूगढ़, सरायबंजारा, राजपुरा और अंबाला शामिल हैं। मंडल के सभी छोटे-छोटे स्टेशनों पर इस सेंसर का प्रयोग कर 2017-18 तक बिजली खपत कम करने का लक्ष्य रखा गया है। वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि अंबाला मंडल के 16 स्टेशनों पर लाइटों को बदलवाने के साथ ही बिजली बचत के लिए सेंसर बनाया गया है। अब अन्य स्टेशनों पर भी इसे लगाया जाएगा।