सवाई माधोपुर,मलारना डूंगर तहसील के खुले बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे को नहीं बचाया जा सका। बच्चे को बुधवार को बोरवेल से निकालते ही अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन 12 घंटे चला। बच्चा मंगलवार शाम बोरवेल में गिरा था। बच्चे को एक ग्रामीण ने बोर में गिरता देखा और हल्ला मचा दिया। ग्रामीणों ने मोबाइल नीचे भेज कर बच्चे के जिंदा होने की जानकारी हासिल की और इसके कुछ देर बाद ही जेसीबी से वहां की खुदाई शुरू कर दी गई। जयपुर से एनडीआरएफ की टीम जयपुर से वहां पहुंची थी। हजारों लोग मौके पर जमा होकर बच्चे के जीवन के लिए प्रार्थना करते रहे। गांव पनियाला में मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे गांव के किनारे से निकल रही सडक़ की तरफ एक बच्चा खेलता हुआ पूर्व सरपंच रमेश मेहरा के खेत के पास दिखाई दिया। इस खेत में सडक़ के किनारे ही एक साल पहले रमेश ने पानी के लिए बोर खुदवाया था, लेकिन पानी नहीं निकलने पर 230 फुट खुदवाने के बाद उसे बंद करवा दिया। बंद करवाने के साथ ही उस में लगाया गया केसिंग पाइप भी हटा लिया गया। इस कारण वहां गड्ढ़ा हो गया था।
इस गड्ढे को रमेश ने गंभीरता से नहीं लिया और उसे खुला छोड़ दिया। ऐसे में आज भी वह गड्ढ़ा इसी प्रकार खुला है। सालभर में बरसात एवं दूसरे कारणों से इस में काफी मिट्टी जाने के कारण यह भर गया।
ग्रामीणों के अनुसार बच्चा लगभग 30 फुट नीचे फंसा हुआ था। सडक़ किनारे खड़े एक ग्रामीण ने बच्चे को खुले बोर में गिरता देखा और शोर मचा दिया। देखते ही देखते कुछ देर में वहां सैकड़ों ग्रामीणों की भी? जमा हो गई, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि बोर में गिरा बच्चा आखिर है तो कौन। पूरे गांव के लोगों ने आनन-फानन में अपने अपने बच्चे संभाले तो वहां अमन पुत्र रामनरेश बैरवा (5) गायब मिला। बच्चे के परिजन भी कुछ देर में वहां पहुंच गए।
इसके लिए ग्रामीणों ने एक मोबाइल की लाइट एवं वीडियो चालू कर उसे एक रस्सी के सहारे बोरवेल में लटकाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में बच्चा दिखाई दे गया और उसने हाथ हिलाकर अपने जिंदा होने के संकेत भी दे दिए। वीडियो में बच्चे के जिंदा होने की जानकारी मिलने के साथ ही ग्रामीणों ने उसे बचाने की कवायद शुरू कर दी। लगभग एक घंटे में गांव के पास से ही एक जेसीबी बुलाई गई और बोरवेल की खुदाई शुरू कर दी गई। जहां बच्चा फंसा था उस जगह की गहराई 25-30 फुट से ज्यादा नहीं थी। ग्रामीणों ने तीन जेसीबी का इंतजाम किया।
घटना की सूचना मिलने के साथ ही बाटोदा गांव से 108 एंबुलेंस चिकित्सकों की टीम को लेकर मौके पर पहुंच गई। बच्चे को बोर के भीतर किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसे ध्यान में रखते हुए मेडिकल टीम ने बोर में ऑक्सीजन पाइप लटकाकर अंदर आक्सीजन का लेबल मेंटेन करना शुरू कर दिया।
बच्चे के परिजनों के अनुसार अमन के एक छोटी बहन भी थी, लेकिन पंद्रह दिन पहले ही अचानक उसकी मृत्यु हो गई। परिवार अभी इस सदमे से बाहर भी नहीं पाया था कि 26 साल के अमन के पिता रामनरेश, जो खेती के साथ अभी कंपीटीशन की तैयारी भी कर रहा है उसे शाम को बेटे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली।
बच्चे के बोरवेल में गिरने एवं बीच में फंसने की जानकारी कलेक्टर एवं एसपी द्वारा जयपुर दी गई। जानकारी मिलने के बाद रात लगभग सात बजे एनडीआरएफ के जयपुर मुख्यालय से एक टीम को यहां के लिए रवाना कर दिया गया। जयपुर से घटनास्थल तक टीम को पहुंचने के लिए लगभग चार घंटे का समय लगा। टीम ने मौके पर पहुंचते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया। घटना की सूचना मिलने के साथ ही बाटोदा गांव से 108 एंबुलेंस चिकित्सकों की टीम को लेकर मौके पर पहुंच गई। बच्चे को बोर के भीतर किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसे ध्यान में रखते हुए मेडिकल टीम ने बोर में ऑक्सीजन पाइप लटकाकर अंदर आक्सीजन का लेबल मेंटेन करना शुरू कर दिया।
बच्चे के परिजनों के अनुसार अमन के एक छोटी बहन भी थी, लेकिन पंद्रह दिन पहले ही अचानक उसकी मृत्यु हो गई। परिवार अभी इस सदमे से बाहर भी नहीं पाया था कि 26 साल के अमन के पिता रामनरेश, जो खेती के साथ अभी कंपीटीशन की तैयारी भी कर रहा है उसे शाम को बेटे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली।
बच्चे के बोरवेल में गिरने एवं बीच में फंसने की जानकारी कलेक्टर एवं एसपी द्वारा जयपुर दी गई। जानकारी मिलने के बाद रात लगभग सात बजे एनडीआरएफ के जयपुर मुख्यालय से एक टीम को यहां के लिए रवाना कर दिया गया। जयपुर से घटनास्थल तक टीम को पहुंचने के लिए लगभग चार घंटे का समय लगा। टीम ने मौके पर पहुंचते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया।