नई दिल्ली,महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई अपनी पहली पारी को याद करते हुए खुलासा किया कि पहली बारी में उन्हें क्या दिक्कतें हुई थीं और उसके बाद वे क्यों रोने लगे थे। सचिन ने जब खेलना शुरू किया था तो उनकी उम्र 16 साल थी.
सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में 15 रन बनाए थे। 28 साल पहले की याद ताजा करते हुए तेंदुलकर ने फेसबुक लाइव में कहा- जब मैं अपनी पहली पारी खेलकर ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मुझे लगा कि गलत समय पर मैं गलत जगह पर आ गया। बहुत मुश्किल में था। बाथरूम में गया, रोने लगा। फिर वहां जो सीनियर थे। उन्होंने मुझे समझाया। मुझे प्रोत्साहित किया। बताया कि मुझे क्या करना चाहिए। इससे अगले मैच में मुझे आत्मविश्वास आया।
सचिन ने बताया कि पाकिस्तान जाने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं थ। उन्हें नहीं पता था कि वहां कैसे मैच खेलना था। उन्होंने कहा- चयन से पहले मैंने ईरानी ट्राफी में 100 बनाये। इसके बाद टीम में शामिल हो गया। फिर मैं पाकिस्तान गया वहां जबरदस्त गेंदबाजी आक्रमण था। वहां क्या होगा मुझे कुछ नहीं पता था। वहां कुछ ओवर खेला तो पता चला कि अटैक इस तरह का होगा। उस समय इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे तगड़े गेंदबाज थे। उनकी गेंदों का सामना करना कठिन काम था।
सचिन ने आगे कहा- पहली पारी में मुश्किल से 15 रन बनाए थे। इसके बाद मैंने अपने करियर की दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया। उस दौरान मुझे पता चला कि मैं ये कर सकता हूं। जब मैं दूसरी पारी खेलने गया तो मैंने तय रखा था कि मुझे स्कोर बोर्ड नहीं देखना है, मैं सिर्फ घड़ी देख रहा था. मैं सिर्फ वहां मैदान पर समय बिताना चाहता था। किसी भी कीमत पर मुझे वहां खड़ा रहना था। मुझे विश्वास हुआ कि मैं कर सकता हूं। तब मैंने 59 रन बनाए. ये मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था. उन लोगों के सामने खेलने के बाद आपको आनंद मिलेगा।
सचिन ने कहा- आज की युवा पीढ़ी के लिए मेरा संदेश है कि अपने सपनो का पीछा करो। मैं जब दस साल का था तो मैंने टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना देखा था। यह हमेशा से चैलेंज रहेगा, करियर के अंतिम दिन तक चैलेंज था। देश को रिप्रजेंट करने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है।