बेंगलुरु,पद्मावती का विरोध सड़कों पर होने लगा है। बुधवार को बेंगलुरु में जुलूस निकालकर फिल्म को बैन करने की मांग की गई। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने भारी-भरकम जुलूस निकाल कर ‘पद्मावती’ और भंसाली के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। इससे पहले करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान के कोटा जिले में एक सिनेमाघर में तोड़फोड़ की। यहां पद्मावती का ट्रेलर दिखाए जाने से कार्यकर्ता नाराज थे। बेंगलुरु में करणी सेना ने कहा, हम यह फिल्म नहीं देखना चाहते। किसने कहा कि हमें यह फिल्म देखनी है। भंसाली ने तीन मिनट का ट्रेलर जारी किया है। हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। उसने कहा, जब तक फिल्म पूरी तरह से बैन नहीं हो जाती, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। यह हमारे राजपूत समाज की बेइज्जती है। इस फिल्म को दिखाने की कोई जरूरत नहीं है। इस बीच बीजेपी विधायक और फिल्म युनियन की एक मजदूर युनियन के मुखिया राम कदम ने भी मनोरंजन जगत के पांच संगठनों से अलग राह ले ली है। उन्होंने कहा, फिल्म की पब्लिसिटी के लिए किसी को इतिहास से छेड़छाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती। राम कदम ने कहा कि अगर भंसाली इतिहास से छेड़छाड़ के पक्ष में हैं, तो हम उनकी किसी भी फिल्म को शूट में मदद नहीं करेंगे। बता दें कि सोमवार को फिल्म इंडस्ट्री के पांच संगठनों ने बैठक कर कहा था कि सरकार को पद्मावती की रिलीज के लिए सुरक्षित माहौल बनाना चाहिए। भंसाली को मिल रही धमकियों और पद्मावती के विरोध के खिलाफ मनोरंजन जगत के पांच संगठन आज 15 मिनट के लिए शूटिंग पर रोक लगाकर अपना विरोध जाहिर करेंगे।