नई दिल्ली, सेना ने अर्जुन टैंक को रिटायर करने की बात को खारिज किया है।
सेना ने कहा है कि अलग-अलग टैंकों की जरूरत बनी रहेगी। एक तरफ अर्जुन बैटल टैंक में सुधार का काम चलता रहेगा, दूसरी तरफ एफआरसीवी प्रोजेक्ट से टैंक की मच्योर विदेशी तकनीक हासिल की जाएगी, जिसमें डीआरडीओ समेत देसी कंपनियां भी जुड़ सकती हैं। अर्जुन टैंक को सरकारी रक्षा संगठन डीआरडीओ ने विकसित किया है।सरकारी कंट्रोल वाले डिफेंस प्रोजेक्ट पर अक्सर लेटलतीफी का आरोप लगता रहा है। हाल में यह बात सामने आई थी कि सेना की दिलचस्पी विदेशी टैंकों में है।