नई दिल्ली,वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में और फेरबदल का संकेत दिया है। माना जा रहा है कि इस बार सरकार पांच से लेकर 12 फीसदी कर वाले स्लैब में बदलाव करेगी। इस स्लैब में लगभग 250 वस्तुएं आती हैं। अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि यह निर्णय सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में में कमी को गुजरात चुनाव से जोड़ने वालों की आलोचना की। उन्होंने कहा जीएसटी के नाम पर बचकानी सियासत नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न राजनीतिक दल जीएसटी के नाम पर ‘बचकानी सियासत’ कर रहे हैं। जेटली ने कहा जीएसटी दरों में कमी की गुंजाइश थी। इस लिए हमने चार महीने में 28 फीसदी वाले स्लैब में बदलाव किए हैं। जीएसटी को इस साल एक जुलाई से लागू किया गया था। इसके बाद से इसकी खामियों को दूर करने के लिए जीएसटी काउंसिल की हर महीने बैठक हो रही है। जेटली ने उम्मीद जताई कि विष्य में सरकार को मिलने वाले राजस्व के आधार टैक्स दरों में फिर बदलाव किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया संबंधी बदलाव भी किए जाएंगे। खबर है कि अगले दौर में सरकार पांच प्रतिशत और 12 प्रतिशत वाले स्लैब में जीएसटी दरों को कम करने पर विचार किया जाने वाला है। इनमें से हर एक में 250 वस्तुएं और सेवाएं आती हैं। उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा हम बाजार की स्थिति को देखकर ही फैसले कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि काउंसिल का मानना है कि दरों में जो भी बदलाव हुए हैं, उनका फायदा ग्राहकों को मिलेगा। जीएसटी काउंसिल ने पिछले शुक्रवार की बैठक में 28 प्रतिशत वाले स्लैब से 178 वस्तुओं को हटाकर 18 फीसदी के स्लैब में ला दिया था।
उन्होंने कहा कि जो लोग एकल जीएसटी दर की बात कह रहे हैं, उन्हें टैरिफ स्ट्रक्चर की समझ नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘खाने के सामान पर कोई टैक्स नहीं लगना चाहिए और ऐसा ही किया गया है। वहीं, आम आदमी के इस्तेमाल वाली चीजों पर सबसे कम पांच प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। लग्जरी और सिन प्रॉडक्ट्स, पर्यावरण और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों पर आम आदमी के इस्तेमाल वाली चीजों के बराबर टैक्स नहीं लगाया जा सकता था। जेटली ने कहा इसलिए गेहूं, चावल, चीनी पर लग्जरी कार या याट या तंबाकू प्रॉडक्ट्स के बराबर टैक्स नहीं लगाया जा सकता। इसलिए जो लोग आज एकल दर की बात कह रहे हैं, उन्हें जीएसटी की बुनियादी समझ नहीं है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अधिकतम जीएसटी रेट 18 प्रतिशत करने की मांग की थी।