ग्वालियर,सिंधिया घराने की पारिवारिक संपत्ति विवाद मामले में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अदालत से कहा है कि वो समझौते के लिए तैयार हैं और इस हेतु बैठक भी की जा चुकी है। इस आशय के आवेदन को अदालत ने रिकॉर्ड में लेते हुए समझौते के मामले में अन्य पक्षकारों से अगली सुनवाई तक जवाब-तलब भी किया है। गौरतलब है कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अन्य की ओर से अदालत में आवेदन लगाया था कि अब ज्योतिरादित्य पहले की तरह व्यस्त नहीं हैं इसलिए उनके बयान लेने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है। बयान के लिए उन्हें कोर्ट में बुलाया जा सकता है।
इसके साथ ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से संपत्ति मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश सिचन शर्मा की बेंच में आवेदन पेश किया गया। आवेदन के मुताबिक यशोधरा राजे सिंधिया के साथ 7 अक्टूबर को नई दिल्ली के होटल ताज मानसिंह में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक हुई थी। इस दौरान अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी एवं रायन करंजेवाला भी उपस्थित थे। इस बीच समझौते को लेकर विचार-विमर्श हुआ और अगले सप्ताह में पुन: बैठक करने का निर्णय भी लिया गया, लेकिन किन्हीं कारणों से यह बैठक नहीं हो सकी। आवेदन में मांग करते हुए लिखा गया है कि चूंकि समझौते के लिए अधिवक्ता संजय द्विवेदी पूर्व में मीडिएशन का कार्य कर चुके हैं अत: उन्हें पुन: मीडिएटर नियुक्त किया जाए, ताकि समझौते के रास्ते पर आगे बढ़ा जा सके। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य ने आवेदन में स्पष्ट किया कि वो समझौते के लिए तैयार हैं। वहीं यह भी बताया गया कि बैठक में ऊषा राजे और वसुंधरा राजे सिंधिया मौजूद नहीं थीं। इस पर अदालत ने ज्योतिरादित्य द्वारा पेश आवेदन को रिकॉर्ड में लेते हुए मामले के अन्य पक्षकारों से अगली सुनवाई तक जवाब-तलब किया है। अदालत ने कहा है कि चूंकि मामला बीस साल से भी अधिक समय से लंबित है अत: इसे और विलंबित नहीं किया जा सकता है और जवाब नहीं आने पर कोर्ट उक्त आवेदनों का निराकरण अभिलेख के आधार पर करने को अग्रसर होगा। गौरतलब है कि संपत्ति मामला वर्ष 1990 में कोर्ट में दाखिल किया गया था, तभी से इसकी सुनवाई होती रही है।