जयपुर,राजस्थान में पिछले 1 हफ्ते से 9000 से ज्यादा शासकीय डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं। इलाज नहीं मिल पाने के कारण लगभग 30 मरीजों की असमय मौत हो चुकी है। रोजाना 150 से 200 ऑपरेशन डॉक्टर नहीं होने के कारण टाले जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए सरकार ने सेना की मदद ली है। सेना के डॉक्टरों को बुलाया गया है। सरकार ने जगह-जगह छापेमारी करके 7 जिलों के 14 डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है।
राजस्थान सरकार द्वारा डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म कराने और उनसे वार्ता करने के कोई कारगर प्रयास नहीं किए। डॉक्टर भी इस बार आर-पार की लड़ाई की मुद्रा में हैं। डॉक्टरों ने हड़ताल के दौरान अपने घरों में ना रहकर यहां वहां शरण ले ली थी। सरकार ने डॉक्टरों को सबक सिखाने के लिए अब उनकी जबरिया धरपकड़ शुरू कर दी है। बाड़मेर में गिरफ्तारी से बचने के लिए एक डॉक्टर दर्जी की दुकान में छिपे हुए थे। पुलिस वहां पहुंची तो वह भागने लगे। पुलिस ने पीछा किया तो वह गिर पड़े । डॉक्टर को पुलिस ने गिरेबान पकड़कर उठाया। सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की मरहम पट्टी कराकर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए विवश किया।
राजस्थान में सरकार की हठधर्मिता और डॉक्टरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर दोनों ही अड़े हुए हैं। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बहुत खराब हो गई है। सेना के डॉक्टरों ने कुछ अस्पतालों में जरूर कार्यभार संभाला है। किन्तु पूरे राजस्थान में स्थिति बहुत खराब है।