मोर पालने को लेकर परेशानी में घिर सकते है लालू प्रसाद यादव

पटना,चारा घोटाला सहित कई दूसरे मामलों में दोषी चल रहे लालू की आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ सकती है। यह नई परेशानी है उनके घर में पले 10 मोर, कानून मोर को घर में कोई नहीं पाल सकता और लालू प्रसाद यादव के सरकारी घर में 10 मोर पले हैं। मोर राष्ट्रीय पक्षी है। यह पक्षी वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत शेड्यूल-1 में हैं। कानून जिसके पास भी यह पक्षी होता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस व्यक्ति को 7 साल तक की सजा या 25,000 रुपये जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो पटना स्थित लालू के सरकारी आवास सर्कुलर रोड में एक मोर और मोरनी कुछ साल पहले लाए गए थे।विवाद बढ़ने पर लालू ने कहा था कि मोर और मोरनी को कुछ ही महीने बाद ही छोड़ा गया था लेकिन ये मोर वापस आ गए। उसके बाद 8 पक्षियों का जन्म हुआ जो अब तीन या चार महीने के हैं।वे खुद यहां रह रहे हैं। ये मोर परिसर में लगे पेड़ों पर सोते हैं। भारतीय पक्षी संरक्षण नेटवर्क के राज्य कॉर्डिनेटर अरविंद मिश्रा ने बताया कि अगर लालू प्रसाद यादव मोर-मोरनी के जोड़े को गैरकानूनी ढंग से लाए थे तो उनका परिवार मुसीबत में पड़ सकता है। मोरों की तस्करी अपराध है। वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों की मानें तो चिड़ियाघरों में जो मोर रखे जाते हैं उनके लिए भी स्टेट चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन की अनुमति जरूरी है। हैरानी की बात यह है कि बिहार के चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन भरत ज्योति को याद नहीं है कि लालू प्रसाद यादव के परिवार ने मोरों को पालने की अनुमित ली थी या नहीं।

 

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