नई दिल्ली,भारतीय इतिहास में पीएम नरेन्द्र मोदी शायद पहले पीएम होंगे जो उन देशों की यात्रा कर रहे हैं जहां पहले कोई भारतीय पीएम नहीं गया या फिर कई सालों तक नहीं गया है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें आसियान शिखर सम्मेलन और 12वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने फिलीपींस पहुंच चुके हैं।यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। बीते 36 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली फिलीपींस की यात्रा है। इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने फिलीपींस गई थीं। इस दौरान फिलीपींस में प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने वाले है। इस दौरान उनकी मुलाकात फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डूटार्टे से भी होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री इंटरनेशनल राइस इंस्टिट्यूट (आईआरआरआई) का भी दौरा करेंगे जहां कई भारतीय काम करते हैं। यहां पर यह बता देना जरूरी होगा कि सरकार की तरफ से जुलाई 2017 में आईआरआरआई को अपना साउथ एशियन रिजनल सेंटर वाराणसी में लगाने को मंजूरी दी जा चुकी है। फिलीपींस में उसके मुख्यालय से बाहर यह आईआरआरआई का पहला रिसर्च सेंटर होगा। अपनी पहली फिलीपींस की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री महावीर फिलीपींस फाउंडेशन भी जाएंगे।
यहां पर सोमवार को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। माना यह भी जा रहा है कि कुछ खास मुद्दों को लेकर दोनों राष्ट्राध्यक्षों में बैठक भी हो सकती है। पांच माह में यह दूसरा मौका है जब दोनों नेताओं की मुलाकात होने वाली है। मोदी और ट्रंप अपनी बैठक में क्षेत्र की सुरक्षा परिदृश्य सहित साझा हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर कर सकते हैं। भारत,अमेरिका,जापान व आस्ट्रेलिया के बीच चतुर्पक्षीय गठजोड़ बनाने के प्रस्ताव के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी। जापान ने पिछले महीने संकेत दिया था कि वह अमेरिका,भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच शीर्ष स्तरीय संवाद का प्रस्ताव करेगा। पीएम मोदी पहले ही इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र उसकी एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा है। गौरतलब है कि चीन से विदा होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्डर ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ कर चुके हैं। इसके पूर्व पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि उनकी यह यात्रा आसियान सदस्य देशों तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगी। उनका यह भी कहना है कि इस यात्रा से फिलीपींस के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्तों को भी नया बल मिलेगा तथा आसियान देशों के साथ राजनीतिक सुरक्षा,आर्थिक व सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत के संबंध मजबूत होंगे।
इस यात्रा के दौरान मोदी आसियान-भारत व पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे। इसके साथ ही आसियान, क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के नेताओं की बैठक तथा आसियान कारोबार व निवेश शिखर सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ के विशेष कार्यक्रमों में भी वह हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा है कि मेरी भागीदारी आसियान के सदस्य देशों विशेषकर एशिया प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को लगातार मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा है कि आसियान व्यापार व निवेश शिखर सम्मेलन से निकट सहयोग को बल मिलेगा ताकि आसियान के सदस्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ बनाया जा सके। इसका हमारे कुल व्यापार में हिस्सा 10.85 प्रतिशत है।