नई दिल्ली, वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, जीएसटी) की दरों में बड़ी कटौती की गई है। 28 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आने वाली 128 वस्तुओं की दर 18 फीसदी कर दी गई हैं। जिनकी दर कम की गई हैं उनमे वे वस्तुएं शामिल हैं जिन्हें लोग रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग करते हैं। सरकार के इस निर्णय से यह वस्तुएं सस्ती हो जायेगी।
अब लगभग 220 वस्तुओं में से अब सिर्फ 50 वस्तुओं पर ही 28 फीसदी दर लागू होगी। सरकार का तर्क है कि व्यापारियों तथा छोटे व्यवसायियों की शिकायत थी नए राष्ट्रव्यापी टैक्स की वजह से उनकी टैक्स देनदारी और प्रशासनिक खर्च बढ़ गया है, इसलिए दरें घटाई गई हैं। वहीं राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार ने गुजरात में होने वाले चुनाव के पहले यह निर्णय लेकर देश से धोखा किया है। काउंसिल की 23वीं बैठक में उन सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया जो असम के वित्तमंत्री हिमांता विश्व शर्मा के नेतृत्व वाले एक पैनल ने की हैं। एयरकंडीशन्ड रेस्तरांओं में परोसे जाने वाले भोजन पर भी जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने पर फैसला इसी बैठक में किया गया। गौरतलब है कि इसी साल 1 जुलाई से जीएसटी लागू किया गया है। जीएसटी काउंसिल में जीएसटी नेटवर्क के पैनल के प्रमुख सुशील मोदी ने कहा कि रोज़मर्रा के इस्तेमाल की शैम्पू, डियोडरेंट, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन, जूतों की पॉलिश, चॉकलेट, च्यूइंग गम तथा पोषक पेय पदार्थ जैसी वस्तुएं अब सस्ती हो जाएंगी। काउंसिल ने हर माह तीन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अनिवार्यता की भी समीक्षा की ताकि रिटर्न फाइल किए जाने की प्रक्रिया को टैक्सदाता-फ्रेंडली बनाया जा सके।
काउंसिल की बैठक का विरोध
पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल तथा कर्नाटक के कृषिमंत्री कृष्णबायरे गौड़ा सहित कई कांग्रेस नेताओं ने गुवाहाटी के उस होटल के बाहर विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व किया, जहां जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई तथा आरोप लगाया कि सिर्फ पांच राज्यों को छोड़कर शेष सभी को जीएसटी शुरू किए जाने के बाद राजस्व का घाटा हुआ है।
कांग्रेस का आरोप
गुजरात का फायदा लेना चाहती है सरकार
कांग्रेस ने जीएसटी के नेतृत्व वाली सरकार पर उनकी चेतावनियों को नजऱअंदाज़ करने का आरोप लगाया है, और यह भी कहा है कि सरकार अब समीक्षा के लिए केवल इसलिए तैयार हो गई है, क्योंकि अगले महीने गुजरात में अहम विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां छोटा व्यापारी नई टैक्स व्यवस्था से नाराज़ है।
नोटबंदी का एक साल पूरी तरह फ्लॉप
यशवंत सिन्हा ने कहा- भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेंस की बात कहने वाली बीजेपी नैतिक आधार खो चुकी है। जीएसटी काउंसिल की बैठक पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इसे पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। सिन्हा ने कहा- नोटबंदी पूरी तरह फ्लाप साबित हुई है।
अरुण जेटली को तत्काल हटाएं
सिन्हा ने कहा- वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली बुरी तरह फेल हुए हैं। ऐसे में मोदी सरकार को उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए।
खबर एक नजर में
-18 प्रतिशत : डिटर्जेंट, मार्बल फ्लोरिंग और टॉयलेट के कुछ सामान
-13 उत्पादों पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत की
– 05 वस्तुओं पर 18 से घटाकर जीएसटी 5 प्रतिशत किया
-06 वस्तुओं पर दर 5 से घटाकर शून्य प्रतिशत किया
– बड़े होटलों में खाने पर 28 की जगह 18 प्रतिशत टैक्स
-एसी नॉन एसी वाले छोटे होटलों पर 18 के बजाये 05 प्रतिशत टैक्स
– अब 50 वस्तुओं पर ही 28 फीसदी टैक्स
– जीएसटी परिषद की की बैठक में लिया गया फैसला, सस्ती की दरें
-जीएसटी लागू होने के बाद हर महीने होती है जीएसटी काउंसिल की बैठक
-अब तक 100 से ज़्यादा बार टैक्स की दरों में बदलाव किया जा चुका
-5, 12, 18 तथा 28 फीसदी के हिसाब से लग रहा कर