गुरुग्राम, रायन स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोप में सीबीआई ने उसी स्कूल के 11वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया है। 16 वर्षीय उस छात्र को जुवेनाइल न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 3 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। प्रद्युम्न के परिवार ने उस पर बालिग की तरह केस चलाने और फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।
सीबीआई ने कोर्ट में जमा की गई रिमांड कॉपी में कहा कि, पूछताछ के दौरान आरोपी स्टूडेंट ने अपना जुर्म कबूल किया है। आरोपी छात्र ने कहा कि मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं पूरी तरह ब्लैंक हो गया था और बस मैंने उसे मार डाला। सीबीआई ने कोर्ट को कहा कि बस कंडक्टर अशोक को आरोपी बताते हुए हरियाणा पुलिस ने जिस चाकू को ‘हत्या के हथियार’ के तौर पर पेश किया था, आरोपी स्टूडेंट ने उसी का इस्तेमाल किया था। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सीबीआई को निर्देश दिया हैं कि वह छात्र से पूछताछ सुबह 10 बजे से 6 बजे के बीच करेगी। एक महिला अधिकारी को पूछताछ के दौरान नियुक्त किया है जिसकी मौजूदगी में पूछताछ होगी। पूछताछ के बाद छात्र को बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेजा है। रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी छात्र को दोबारा बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा। सीबीआई के इस दावे से गुरुग्राम पुलिस की पूरी थिअरी औंधे मुंह गिर गई। पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को हत्यारा मानते हुए उसे गिरफ्तार किया था। हत्या का मकसद यौन उत्पीड़न से जुड़ा था। हालांकि सीबीआई अशोक को हत्या का आरोपी नहीं मान रही। लेकिन उसे औपचारिक क्लीन चिट नहीं दी है।
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल का कहना है कि गुरुग्राम पुलिस द्वारा जिस सीसीटीवी फुटेज को धुंधला होने की बात कहकर छोड़ दिया था, उसी फुटेज को हैदराबाद की लैब से साफ करवाया जिसके बाद छात्र संदेह के घेरे में आया। इस फुटेज के अलावा घटनास्थल के निरीक्षण, कॉल रिकॉर्ड की जांच और टीचर एवं कर्मचारियों के बयान के आधार पर आरोपी छात्र को देर रात को हिरासत में लिया था। जांच से पचा चला कि छात्र 8 सितंबर को घटना वाले दिन स्कूल में चाकू लेकर आया था और प्रद्युम्न की हत्या करने के बाद उसने उसे वाशरूम के कमोड में फ्लश कर दिया था। जांच के दौरान उस छात्र के अभिभावकों को हर बात की जानकारी दी। याद रहे कि सीबीआई ने 22 सितंबर को इस मामले की जांच शुरू की थी।
– क्यों की हत्या
सीबीआई का दावा है कि आरोपी छात्र पढ़ने में कमजोर है। उसने प्रद्युम्न की हत्या इसलिए की ताकि स्कूल में छुट्टी हो जाए और उसकी वजह से पैरेंट-टीचर मीटिंग को स्थगित कर दिया। इस मीटिंग के अलावा वह परीक्षा को भी टलवाना चाहता था। सीबीआई कि माने तो आरोपी छात्र ने 8 सितंबर को ही हत्या करने की योजना बनाई थी लेकिन अपना टारगेट पहले से तय नहीं किया था। यह संयोग है कि प्रद्युम्न उसी समय टॉयलेट में पहुंचा और अपने एक सीनियर छात्र के इस जघन्य अपराध का शिकार बन गया।