अहमदाबाद,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी पर मोदी सरकार को आईना दिखाने के बाद अब सरदार सरोवर बांध पर पीएम मोदी के बयान को गलत बताया है। पूर्व पीएम मनमोहन ने कहा कि नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के मुद्दे पर मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे,तो उन्होंने कभी मुझसे मुलाकात नहीं की।
वहीं कुछ दिन पूर्व मोदी ने आरोप लगाए थे कि बांध की ऊंचाई बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कई बार तत्कालीन प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी लेकिन परियोजना को पूरा करने के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला। मोदी के इस आरोप के कई हफ्ते बाद पूर्व प्रधानमंत्री का यह बयान सामने आया है। सिंह ने नर्मदा परियोजना के बारे में कहा,बांध के मुद्दे पर मोदी जी ने कभी मेरे साथ बैठक नहीं की।’’मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि परियोजना इसलिए स्थगित कर दी गई कि संप्रग सरकार गुजरात विरोधी और विकास विरोधी थी। उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने हमेशा परियोजना का समर्थन किया। उन्होंने कहा,मैं यह भी बताना चाहता हूं कि परियोजना के लिए1992 में जब विश्व बैंक ने ऋण देने से मना कर दिया था,तब मैं केंद्रीय वित्तमंत्री था। मैंने भारत सरकार की तरफ से जिम्मा लिया कि विश्व बैंक नर्मदा परियोजना के लिए जो भी धन देना चाहता था वह केंद्र सरकार देगी। मोदी ने पिछले महीने वडोदरा दौरे के समय दावा किया कि बांध के मुद्दे पर जब भी वह सिंह से मिलने गए, तत्कालीन प्रधानमंत्री इस पर काम स्थगित होने के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते थे।
मनमोहन के इस बयान के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि विगत में कई बार उनसे मुलाकात की गई थी। रूपानी ने कहा,मैं भी नर्मदा परियोजना पर सिंह से मिलने कई बार गया जब मैं 2006 और 2012 के बीच सांसद था। लेकिन उन्होंने (संप्रग सरकार) सात वर्षों तक बांध के गेट बंद रखने की अनुमति नहीं दी। सिंह को गुजरात के लोगों को बताना चाहिए। सरदार सरोवर बांध की आधारशिला रखे जाने के 56 वर्ष बाद इस वर्ष 17 सितम्बर को मोदी ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2006 में वह 51 घंटे के लिए अनशन पर बैठे जब संप्रग सरकार ने अधूरे पुनर्वास काम का हवाला देते हुए बांध की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति नहीं दी। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद महज 17 दिनों के अंदर मोदी सरकार ने बांध की ऊंचाई 138 मीटर से ज्यादा करने की अनुमति दी और दरवाजे लगवाए। बांध की ऊंचाई 138.68 मीटर करने का काम हाल में पूरा हुआ।