उज्जैन,1 दिसंबर को देश भर में रिलीज होने वाली संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर हो रहे विवाद में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। फिल्म का विरोध अब तक राजपूत समाज कर रही था। लेकिन अब राजनेता भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए खुला खत लिखा था,इसके बाद मंगलवार को उज्जैन सांसद व मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ.चिंतामणि मालवीय ने फिल्म पद्मावती का विरोध किया है और लोगों से अपील की है कि इस फिल्म को न देखना चाहिए।
भाजपा सांसद मालवीय ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि वे इस फिल्म का बहिष्कार करते हैं और शुभचिंतकों से अनुरोध करते हैं कि वे भी इस फिल्म को न देखें। उन्होंने लिखा है फ़िल्म बनाकर चंद पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है। हर भारतीय नारी की आदर्श रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है। रानी पद्मावती ने अपने सतीत्व और देश औऱ समाज की आन बान शान के लिए हजारों नारियों के साथ स्वयं को आग में झोंक दिया था। उसे तोड़ मरोड़ कर दिखाना वास्तव में इस देश का अपमान है। भंसाली जैसे लोगों को कोई और भाषा समझ नहीं इन जैसे लोगो को सिर्फ जूते की भाषा ही समझ आती है। यह देश रानी पद्मावती का अपमान नहीं सहेंगा।
इतना ही नहीं भाजपा सांसद ने अपने पोस्ट में फिल्म जगत के लोगों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी भी की है जिस लेकर भी विरोध शुरू हो गया है। भाजपा सांसद ने अपने पोस्ट में लिखा है हम गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़खानी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। अलाउद्दीन खिलजी के दरबार कवियों द्वारा लिखे गए गलत इतिहास पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फ़िल्म बना दी है। यह न सिर्फ गलत है बल्कि निंदनीय है। जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती है वे क्या जाने जौहर क्या होता है ? अभिव्यक्ति के नाम पर संजय भंसाली की मानसिक विकृति नही सहन की जाएगी।