बैतूल,शहर के विवेकानंद वार्ड में एनीकेट से फिल्टर प्लांट में आने के बाद पानी का उपयोग करने वाले 18 वार्ड के लोगों की जान खतरे में है। इसकी वजह फिल्टर प्लांट सुरक्षा की दृष्टि से कहीं भी माकुल नहीं है। बोर्ड पर भले ही नगर पालिका ने बड़े शब्दों में प्रतिबंधित क्षेत्र अंकित कर दिया है, लेकिन वर्षों से सुरक्षा की दृष्टि से बाउंड्रीवाल या चौकीदार तक रखने के प्रयास नहीं किए। इसका पूरा फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। खुद नगर पालिका कर्मी कबूल रहे हैं कि प्लांट में कई मर्तबा दारू की बोतलें मिली है।
नगर पालिका निर्माण कार्य और व्यर्थ खर्च करने में पीछे नहीं रहती, लेकिन शहर के 18 वार्डों के हजारों नागरिकों की जान से खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रही है। जीवन दायिनी माचना नदी पर विवेकानंद वार्ड में एनीकेट बना हुआ है। इस एनीकेट से पानी फिल्टर होकर तीन टंकियों के माध्यम से 18 वार्ड के लोगों तक पहुंच रहा है। गर्मी के दिनों में भी पानी खत्म होने पर टैंकरों से पानी डालने के बाद फिल्टर प्लांट से जल सप्लाई नगर पालिका करते आ रही है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से फिल्टर प्लांट कितना माकुल है यह कई नगर सरकार और सीएमओ नहीं देख सके। वर्षों से फिल्टर प्लांट एक अदद बाउंड्रीवाल के लिए तरस रहा है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी रूचि तक नहीं दिखा रहे। केवल कागजी आश्वासन और कई तरह के अड़चनों की बात सामने आ रही है।
बाउंड्रीवाल के लिए नहीं किए उचित प्रयास
बताया जाता है कि संवदेनशील क्षेत्रों में से एक जल शोधन केन्द्र पर नगर पालिका सीमांकन न होना बाउंड्रीवाल के लिए कारण बता रही है। अलबत्ता सीमांकन होने को भी काफी लम्बा समय बीत चुका है, इसके बावजूद बाउंड्रीवाल के लिए उचित प्रयास नहीं किए गए। हालांकि मुख्य द्वार को बंद करने के बाद एनीकेट परिसर में रिहायशी क्षेत्र भी है। यह पेंच भी नपा की गले की फांस बना हुआ है, लेकिन सीमांकन होने के बाद बाउंड्रीवाल बनने का रास्ता साफ हो चुका है।
असामाजिक तत्वों का जमा रहता डेरा
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो बड़े बोर्ड लगाकर नगर पालिका ने प्रतिबंधित क्षेत्र अंकित किया है, लेकिन देर रात में इस बोर्ड के सामने उत्कृष्ट सीसी रोड पर असामाजिक तत्वों का डेरा जमा रहता है। शराब पीने के बाद क्षेत्र के असामाजिक तत्व शराब की खाली बोतलें पास में ही फिल्टर प्लांट में फेंक रहे हैं। खुद नगर पालिका के कर्मचारियों ने यह स्थिति देखी है। सुरक्षा की दृष्टि से यहां कोई चौकीदार भी नहीं है। अंदर प्लांट पर तीन कर्मचारियों की रात में डयूटी रहती है, लेकिन वे बाहर नहीं निकल पाते हैं। इधर नगर पालिका स्वीमिंगपुल का पानी खराब न हो इसके लिए कवर्ड शेड बना रही है, लेकिन 18 वार्ड के हजारों लोगों की जान खतरे में रहने के बावजूद अब तक कोई विकल्प नहीं तलाश पाई।
इनका कहना…
मैने ज्वाईनिंग के बाद सबसे पहले सीएमओ साहब और जल शाखा के कर्मचारियों से फिल्टर प्लांट की सुरक्षा को लेकर बाउंड्रीवाल बनाने के लिए कहा था, लेकिन यह प्रस्ताव अभी पूरा नहीं हुआ है। वास्तव में यह गंभीर मुद्दा है, शीघ्र ही इस पर निर्णय लेंगे।
महेश चंद्र अग्रवाल, एई नपा, बैतूल
फिल्टर प्लांट सुरक्षा की दृष्टि से माकुल नहीं है। बाउंड्रीवाल के लिए टेण्डर शीघ्र ही हो जाएंगे। इसके बाद असुविधाएं खत्म हो जाएगी।
राकेश चौरसिया, जल निरीक्षक, नपा बैतूल
नवल वर्मा की रिपोर्ट