बनासकांठा, राज्य का सीमावर्ती जिला उत्तरी गुजरात का बनासकांठा कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां इस साल बाढ़ से भारी जान-माल की हानि हुई थी. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार पांच दिनों तक रहकर पीड़ितों की हरसंभव मदद का प्रयास किया था. माना जा रहा है कि अबकि बार बनासकांठा जिले की 9 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है.
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. गुजरात के सभी जिलों की सीटों पर भाजपा और कांग्रेस राजनीतिक बिसात बिछा रही हैं| गुजरात के सीमावर्ती जिले बनासकांठा की 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच इस बार कांटे की टक्कर होने की संभावना है. बनासकांठा जिले में इस साल बाढ़ के दौरान भाजपा सरकार की ओर से किए गए काम और किसानों को आलू में भारी नुकसान, जातिगत समीकरण इत्यादि मुद्दे चुनाव में प्रमुख होंगे. जिले की 9 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है. गुजरात के अन्य जिलों में भले भाजपा को बहुमत मिला हो, लेकिन बनासकांठा जिले पर कांग्रेस की पकड़ हमेशा मजबूत रही है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जिले की 9 सीटों में से कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी| पिछले 5 साल के दौरान बनासकांठा में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बनासकांठा जिले में आई विनाशकारी बाढ़ में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पांच दिन बाढ़ पीड़ितों के बीच बिताए थे और पीड़ितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई. जबकि बाढ़ आपदा के दौरान कांग्रेस विधायक बेंगालूरू के रिसोर्ट में पिकनिक मना रहे थे. इसके बावजूद कांग्रेस को उम्मीद है कि बनासकांठा जिले की जनता उसके साथ है और रहेगी. कांग्रेस का कहना है कि राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनके विधायकों ने लोगों के काम किए हैं, इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में बनासकांठा जिले की 9 सीटें लोग कांग्रेस की झोली में ही डालेंगे.
9 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी कांटे की टक्कर
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