जोधपुर, कथित लव जेहाद मामले में हाईकोर्ट ने मुस्लिम पति या हिंदू माता-पिता दोनों में से चुनने का फैसला खुद पायल सिंघवी पर छोड़ दिया। कोर्ट ने कहा कि युवती स्वेच्छा से कहीं भी जा सकती है। हालांकि इसके बाद युवती ने ससुराल में रहना ही पसंद किया।
राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास की खंडपीठ में हुई सुनवाई के बाद युवती के पिता ने कहा कि जिस बेटी को 23 साल तक पाला-पोसा, वो आज उन्हें नहीं पहचानती, जबकि कुछ समय पहले मिला मुस्लिम लड़का ही उसके लिए अब सब कुछ हो गया है। युवती के पिता ने कहा कि मेरी बेटी लव जिहाद की शिकार हुई है। बेटी को शादी के बाद दुबई ले जाया जा रहा है। वह पछताएगी क्योंकि उसे वहां बेच दिया जाएगा।
पिता ने यह भी कहा कि उनकी बेटी ने हमें पहचाना नहीं, लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट इसलिए आए हैं कि दूसरी बेटियों को लव जिहाद से बचाया जा सके। न्यायपालिका से मुझे न्याय मिलेगा और धर्म परिवर्तन को लेकर कोई कानून जरूर बनेगा। उधर, कोर्ट परिसर में युवती की मां फूट-फूटकर रो पड़ी। पिता ने धर्म परिवर्तन को लेकर कानून बनाने की मांग रखी, वहीं मां ने पायल पर जादू-टोना करने का लगाया और उसकी मेडिकल जांच की मांग की।
धर्म परिवर्तन मामले में सरकार ने पेश किया जवाब, फिर होगी सुनवाई
जोधपुर,धर्म परिवर्तन मामले में राजस्थान सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट की जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास खण्डपीठ के समक्ष अपना जवाब पेश किया। मामले में अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी।
जोधपुर की एक हिंदू युवती के गुपचुप में मुस्लिम धर्म परिवर्तन के मामले में हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से कानून व प्रक्रिया पर जवाब मांगा था। उल्लेखनीय है कि 6 दिन पहले बुधवार को सरकारी वकील ने कोर्ट के समक्ष युवती के धर्मपरिवर्तन का पक्ष रखा था। न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी देते हुए कहा था कि किसी धर्म को मानना और धर्मांतरण कर लेने में रात दिन का अन्तर है। मात्र नाम बदल लेने से धर्मान्तरण नहीं होता।
साथ ही न्यायालय ने कड़े शब्दों मे कहा था कि मात्र दस रुपए के स्टांप पर लिख देने से धर्म परिवर्तित कैसे हो सकता है? इसके साथ ही खण्डपीठ ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजात के विरोधाभासी पाए जाने पर राज्य सरकार से धर्म परिवर्तन के कानून व प्रक्रिया पर जवाब मांगा था। इसके बाद राज्य सरकार के जवाब पेश करने के लिए मंगलवार का समय तय कर दिया गया था। साथ ही पुलिस थाना प्रतापनगर के इस मामले में जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी को भी खण्डपीठ के समक्ष न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना में की गई जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा गया।