अंबरनाथ,मुंबई का एक क्रिश्चियन परिवार अपने मृतक बेटे को जिंदा करने के लिए 10 दिनों तक उसके शव को चर्च में रखकर प्रार्थना करता रहा. इस बीच जब पुलिस को जानकारी मिली तब पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव को परिवार वाले घर ले गए और बाद में उसका अंतिम संस्कार किया.मिली जानकारी के अनुसार मुंबई के नागपाड़ा स्थित चर्च में पिछले 9 दिनों से 17 वर्षीय युवक को जिंदा करने के लिए प्रार्थना होने की खबर सामने आने के बाद नागपाड़ा पुलिस ने मृतक के परिजनों से मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा था लेकिन अंधश्रद्धा के चलते वे यह सोच रहे थे कि गॉड से प्रार्थना करने पर उनका बेटा जिंदा हो जाएगा और वे रविवार सुबह शव को लेकर मुंबई से सटे अंबरनाथ शहर लेकर आये और नारायण टॉकीज में बने चर्च में प्रार्थना करने लगे. जब देर शाम अंबरनाथ पुलिस को इस बात की जानकारी मिली तब पुलिस ने फिर हस्तक्षेप किया जिसके बाद मृतक के परिजन शव को लेकर मुंबई चले गए. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई के चिंचपोकली परिसर में रहने वाले १७ साल के मिसाख नेविस नामक युवक की कैंसर के चलते 27 अक्टूबर को मौत हो गई थी. उसकी मौत पर घर वालों को यकीन ही नहीं हो रहा था. मृतक के पिता मुंबई के नागपाड़ा स्थित जीजस फॉर ऑल नेशनस चर्च में बिशप हैं. अपने पुत्र को जिन्दा करने के उद्देश्य से उसका शव लेकर नागपाड़ा स्थित चर्च में लेकर आए जहां 9 दिनों तक प्रार्थना की. इस बात की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार करने की बात कही लेकिन मृतक के परिजनों ने प्रार्थना जारी रखने का निर्णय लिया और रविवार सुबह 5. बजे लेकर आ गए अंबरनाथ आ गए और दिन भर चर्च में शव को रखकर प्रार्थना की. आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मृतक मिसाख के परिजन उसके शव को लेकर रविवार देर रात मुंबई चले गए.
मृत युवक को जिंदा करने 10 दिनों से चर्च में हो रही थी प्रार्थना,पुलिस के दखल पर घर वालों ने उठाया शव
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