पटना,बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें जीएसटी के विरोध का औचित्य समझ में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत प्रणाली है और जो भी इसके ख़िलाफ़ आंदोलन चला रहे हैं उनसे पूछना चाहिए कि जीएसटी का विधेयक कौन लाया।
नीतीश ने कहा कि केंद्र में किसी की भी सरकार हो हम लोगों ने इस मुद्दे पर समर्थन किया है। हालांकि नीतीश ने कहा कि इस मुद्दे पर और अधिक जागरूकता की ज़रूरत है पर विपक्ष का अपना अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘ जितनी जागरूकता आनी चाहिए अभी कम है, पर ये कोई बात है विरोध करने का। ये एक पारदर्शी टैक्स प्रणाली है।’ नीतीश ने यह भी माना कि शुरुआती दौर में कठिनाई होगी, कठिनाई को दूर करने का प्रयास केंद्र और राज्य दोनों मिलकर कर रहे हैं। जीएसटी का विरोध का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने साथ ही कहा कि ‘काला धन पर भी चोट होना चाहिए और कई जगह काला धन उजागर भी हो रहा है। अब कोई विरोध करे तो लोकतंत्र में सबको अपना अधिकार है। कोई कुछ भी करे, हम तो इसके पक्षधर हैं।’ हाल ही में नीतीश ने अधिकारियों के साथ जीएसटी पर एक समीक्षा बैठक की थी, जहां उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रचार प्रसार पर ज़्यादा ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जो ख़िलाफ़ में प्रचार हो रहा है उससे निबटने के लिए लोगों की शिकायतों का निवारण करना चाहिए। यह बैठक जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के राजस्व पर उसके असर पर चर्चा के लिए बुलायी गयी थी। बैठक में रिटर्न फ़ाइलिंग के सम्बन्ध में हो रही समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। नीतीश कुमार ने फिर दुहराया कि जीएसटी एक अच्छी कर व्यवस्था है जिसका बिहार जैसे राज्यों के ऊपर अच्छा असर पड़ेगा।