नई दिल्ली,सहस्राब्दी महानायक अमिताभ बच्चन उम्र के इस मोड़ पर प्रसिद्धि से मुक्ति और शांति चाहते हैं। अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा है, ‘इस उम्र में मुझे शोहरत से मुक्ति और शांति चाहिए। अपने जीवन के अंतिम कुछ वर्षों में मैं अपने साथ अकेला रहना चाहता हूं, मुझे उपाधि नहीं चाहिए, मैं उससे घृणा करता हूं, मैं सुर्खियों की तलाश नहीं करता, मैं उसके लायक नहीं हूं, मैं प्रशंसा नहीं चाहता, मैं उसके योग्य नहीं हूं।’
बीएमसी के आरोप जैसे मुद्दे पर उन्होंने लिखा, ‘मीडिया के बजाय व्यवस्था को इसका हल निकालना चाहिए।’ अमिताभ ने बोफोर्स घोटाले पर लिखा, ‘कई वर्षों तक हमें परेशान किया गया, गद्दार घोषित किया गया, हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और हमें अपमानित किया गया।’ अमिताभ ने कहा कि इस घोटाले से उनके नाम को हटने में 25 साल लग गए। उन्होंने लिखा, ‘जब मीडिया यह समाचार भारत लेकर आया, उन्होंने मुझ से पूछा कि मैं इस बारे में क्या करूंगा, क्या मैं यह जानने की कोशिश करूंगा कि यह किसने किया या अपना प्रतिशोध लूंगा।’
अमिताभ ने लिखा, ‘कौन सा प्रतिशोध और जानकारी मैं चाहूंगा? क्या यह उन दुखों और मानसिक यातनाओं को दूर कर सकेगा, जिससे हम वर्षों तक गुजरे हैं। क्या हमारा इलाज कर सकेगा, क्या यह हमें आराम दे पाएगा? नहीं, यह नहीं होगा तो मैंने मीडिया से कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह मामला मेरे लिए खत्म हो गया है।’
अमिताभ ने पनामा पेपर्स मामले पर लिखा, ‘हमसे प्रतिक्रिया मांगी गई, इन आरोपों का खंडन करने और नाम का गलत इस्तेमाल करने के कारण हमारी तरफ से दो बार जवाब दिया गया। उन्हें छापा भी गया लेकिन सवाल बरकार रहे।’ अमिताभ ने आगे लिखा, ‘एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमने हमेशा पूरा सहयोग किया और इसके बाद भी अगर और जांच होगी तो हम पूरा सहयोग करेंगे।’
कुछ दिन पूर्व ही 75 के हुए अमिताभ ने अब अपनी सक्रियता का दायरा समेट लिया है, अब वे कम फ़िल्में, टीवी कार्यक्रम, ऐड आदि कर रहे हैं।