होशंगाबाद, सिटी कोतवाली से महज कुछ ही कदमों की दूरी पर महावीर टॉकीज के पास बुधवार गुरूवार की दरमियानी रात हुई चाकूबाजी की घटना से युवक राजदीप गंगराड़े की मौत के मामले में हिस्ट्रीशीटर बदमाश काजू उर्फ राजेंद्र चौरे और मनीष बिलथरे फरार चल रहे है।
थाने में फरार आरोपियों के गुण्डा लिस्ट में नाम नहीं होने से नाराज एसपी ने सिटी कोतवाली थाने के तत्कालीन टीआई भूपेंद्र सिंह मौर्य व टीआई महेंद्र सिंह चौहान सहित चार थाना प्रभारियों को घोर लापरवाही मानते हुए शोकाज नोटिस जारी किया है। राजदीप हत्याकांड ने सिटी पुलिस की कार्यशैली की कलई खोल दी है। बताया जाता है कि कुछ वर्षें से सिटी कोतवाली में हिस्ट्रीशीटर बदमाशों व गुण्डों का रिकार्ड ही अपडेट नहीं है। सूत्रों के अनुसार थाने में सूचना पटल पर वर्षों से लगी बदमाशों की फोटो भी पुलिस सेटिंग से हटा दी गई है। इधर,आदतन अपराधी राजेंद्र चौरे उर्फ काजू और मनीष बिलथरिया का आपराधिक रिकार्ड होने के बावजूद भी कोतवाली पुलिस ने उन्हें गुण्डा लिस्ट में शामिल क्यों नहीं किया? एसपी सक्सेना ने जिले में अपनी आमद के बाद क्राइम मीटिंग के दौरान जिलेभर के थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत देते हुए आगाह किया था कि समय रहते अपने अपने थानों की गुण्डा लिस्ट को अपडेट कर लें। पिछले करीब 100 दिन के एसपी सक्सेना के कार्यकाल में जिलेभर में 128 गुण्डे थानों में अपडेट हुए है बावजूद इसके होशंगाबाद कोतवाली में न तो राजेंद्र चौरे का नाम और न ही मनीष बिलथरिया का नाम गुण्डा लिस्ट में शामिल किया गया। जबकि चौरे पर 16 मामले और बिलथरिया पर 11 मामले दर्ज रहे। एसपी सक्सेना ने बताया कि मृतक के परिजन आकर मिले थे उन्हें आश्वस्त किया गया है कि आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि एक आरोपी पकड़ा जा चुका है दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को सारे अधिकार दिए है। यदि आरोपी पुलिस पर हमला करते हैं तो उन्हें गोली मारने की छूट भी पुलिस को दी गई है। अपराधियों पर कोई रहम नहीं किया जाएगा।