बीजिंग,डोकलाम विवाद के खत्म हो जाने के बाद भी चीन की गीदड़भभकी कम नहीं हुई है। हाल के दिनों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है। हालांकि उन्होंने भारत या किसी अन्य देश का नाम नहीं लिया,लेकिन सेना से कहा कि वो युद्ध लड़ने और जीतने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाए। मालूम हो,शी जिनपिंग चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायन (सीपीसी) की सेंट्रल कमेटी के अध्यक्ष हैं और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के प्रमुख भी हैं। सेंट्रल मिलिट्री कमिशन की परेड का निरीक्षण करने के बाद जिनपिंग ने उक्त बात कही। चीनी सेना पीएलए दुनिया की सबसे बड़ी सेना है और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन 23 लाख सैनिकों वाली पीएलए की सबसे ऊंची कमांड है। बीती 24 अक्टूबर को शी जिनपिंग दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं। इसके बाद से यह दूसरा मौका है जब उन्होंने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है। 24 अक्टूबर को दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के दो दिन बाद यानी 26 अक्टूबर को उन्होंने सैन्य अधिकारियों की बैठक बुलाकर सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा था। तब शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे तिब्बती इलाके के चरवाहों को चीनी राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया था। उन्होंने ऐसा करते हुए चरवाहों को इस बात के लिए उकसाया कि वे अरुणाचल की सीमा के पास अपना बोरिया-बिस्तर डाल दें ताकि चीनी क्षेत्र की रक्षा हो सके।