अहमदाबाद, गुजरात विधानसभा चुनाव में 150+ सीटों के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरी भाजपा को तभी सफलता मिल सकती है, वह 56 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट पाती है. जो पिछले चुनाव के मुकाबले 7.5 फीसदी ज्यादा हैं. वर्ष 2012 के चुनाव में भाजपा ने 48.30 प्रतिशत वोट हासिल कर 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस को 40.49 प्रतिशत वोट के साथ 61 सीटें मिली थीं. वर्ष 2007 में भाजपा को 49.12 प्रतिशत और कांग्रेस को 39.63 फीसदी वोट मिले थे. जिसमें भाजपा को 117 और कांग्रेस को 59 सीटें मिली थीं. वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में 49.85 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भाजपा ने 127 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस को 39.59 वोटों के साथ 51 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. गुजरात में मौजूदा हालात को देखते हुए भाजपा के लिए अपना लक्ष्य पाना मुश्किल लग रहा है. माना जा रहा है कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा की 165 सीटों पर लीड के आधार पर आगामी चुनाव में 150+ का लक्ष्य तय किया है. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में हुए पालिका चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो भाजपा अपना लक्ष्य पाने में निष्फल लग रही है. वर्ष 2015 के अंत में गुजरात में हुए पालिका-पंचायतों के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को 113 सीटों पर मात दी थी. मोदी लहर के सवा वर्ष बाद स्थानीय निकाय चुनाव में जनता ने कांग्रेस के खाते में एक से बढ़ाकर 24 जिला पंचायतें डाल दीं| इतना ही नहीं 132 तहसील पंचायत और 10 नगर पालिकाओं में भी कांग्रेस को जबर्दस्त बहुमत मिला था. करीब 14 साल बाद गुजरात में कांग्रेस को इतनी बड़़ी सफलता मिली थी. पालिका-पंचायतों के नतीजों को ध्यान में रखें तो आगामी चुनाव में कांग्रेस जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है. क्योंकि अब तो गुजरात में 2014 के लोकसभा चुनाव जैसी मोदी लहर भी नहीं है. नोटबंदी और उसके बाद बिना किसी तैयारी के थोपे गए जीएसटी ने मोदी लहर की हवा निकाल दी है. पिछले 22 साल से लगातार सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जारी कई आंदोलन भी किसी चुनौती से कम नहीं हैं.
वर्ष 1984 में भाजपा की स्थापना के बाद वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 149 सीटों पर जीत दर्ज की थी. माधवसिंह सोलंकी ने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं के समीकरण से 55.55 वोट प्रतिशत के साथ 149 सीटों पर रिकार्ड जीत हासिल की थी.गुजरात में लगातार 14 साल शासन करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कांग्रेस के 149 सीटों के रिकार्ड नहीं तोड़ पाए| वर्ष 1985 के चुनाव में केवल 11 सीटें पानेवाली भाजपा ने ठीक पांच साल यानि 1990 के चुनाव में 70 सीटों पर जीत दर्ज की. वर्ष 2002 में भाजपा ग्राफ इतना बढ़ गया कि उसे 127 सीटों पर सफलता मिली.आखिरी बार लोकसभा चुनाव में मोदी के नाम पर भाजपा को 59.2 प्रतिशत वोट मिले थे. जिसे देखते हुए भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव में 150+ सीटों का लक्ष्य रखा है.