मोदी का गुजरात मोडल सभी स्तर पर निष्फल : राहुल गांधी

अहमदाबाद, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नवसर्जन यात्रा के तहत दक्षिण गुजरात में फिर एक बार नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर कड़े प्रहार किए. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारियों की कमर टूट गई है और देश का जीडीपी दर दो फीसदी गिर गया है| मोदी भले ही दावा करते हों कि नोटबंदी और जीएसटी से फायदा हुआ है, जबकि सच्चाई यह है कि नोटबंदी और जीएसटी से सब कुछ बर्बाद हो गया है. उन्होंने कहा कि मोदी का गुजरात मोडल सभी स्तर पर पूरी तरह से फैल हो गया है और उनके विवादित फैसलों की वजह से जनता और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है.
राहुल गांधी दक्षिण गुजरात की तीन दिवसीय यात्रा पर 1 नवंबर को गुजरात आए थे और भरुच के जंबूसर से अपनी चुनावी यात्रा का आगाज किया था. लेकिन उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी दुर्घटना में 18 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर मिलते ही वे रायबरेली के रवाना हो गए थे. जहां पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के बाद आज फिर दक्षिण गुजरात लौट आए. यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने दक्षिण गुजरात के वलसाड समेत अन्य इलाकों में जनसभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव सत्य और असत्य के बीच लड़ाई है और उसमें जीत सत्य यानि कांग्रेस की होगी और असत्य का पराजय होना तय है. इतिहास गवाह है कि सत्य की हमेशा जीत हुई है. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी और भाजपा सरकार ने आदिवासियों को शिक्षा, रोजगार और जमीन देने का वादा किया था, लेकिन इन वादों को आज तक पूरा नहीं किया. आदवासियों से जमीन छीनकर मोदी सरकार ने अपने चहिते उद्योगपतियों को आवंटित कर दी. आदिवासियों के हक की जमीन, पानी और बिजली उद्योगपतियों तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने मनरेगा के तहत रु. 35000 करोड़ गुजरात को दिए थे, मोदी ने इतनी बड़ी रकम टाटा को नेनो प्रोजेक्ट को दे दी. लेकिन गुजरात में आज एक भी नेनो दिखाई नहीं देती. आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा और अधिकार भाजपा शासन में छीन लिए गए हैं, जिससे आदिवासी समाज में जबर्दस्त गुस्सा है.राहुल गांधी ने आज आंगनवाडी की करीब दो हजार जितनी महिलाओं से प्रत्यक्ष भेंट कर उन्हें आश्वासन दिया कि गुजरात में कांग्रेस सरकार आने पर उन्हें शोषण का शिकार नहीं होना पड़ेगा और वे स्वाभिमान के साथ नौकरी कर सकेंगी.

 

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