दलित सियासत गरमाई सिंधिया गरजे लड़ना है तो दलित प्राचार्य से नहीं ज्योतिरादित्य से लड़े

अशोकनगर,मुंगावली के गणेश शंकर विद्यार्थी कॉलेज के प्राचार्य बीएल अहिरवार के निलंबन के बाद जिले में दलितों को लेकर रातनीति गरमाने लगी है। दलितों को आगे कर अब उनके नाम पर रही है। बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मुंगावली विधानसभा के बंगला चौराहे पर अनुचूचित जाति सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित क्षेत्रीय सांसद योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा गया कि बाबा साहब अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलकर शिक्षा हांसिल करने वाले प्राचार्य बीएल अहिवार ने चिट्ठी लिखकर मुझे कॉलेज में बुलाया और सांसद होने के नाते जब में कॉलेज में गया तो वहां छात्रों से राजनीति के बारे नहीं उनकी शिक्षा के बारे में बातचीत की गई। इस दौरान कॉलेज की एक मासूम छात्रा मेरे पास आई और कहने लगी कि कॉलेज में बैठने के लिए ब्रैंच नहीं है। जिसकी वजह से हमें टाटपट्टी पर बैठकर परीक्षा देना पड़ता है। तो मेरे द्वारा पीने के लिए वाटर कूलर और बैठने के लिए डेक्स की व्यवस्था हेतु सांसद निधि से 3 लाख रुपये दे दिए गए। तब भाजपाईयों को इतनी खुजली आई कि वह टैबिल पर बैठ नहीं पाए और उचक-उचक के अपने शासन से ऑर्डर लिखवा लिया। की बीएल अहिरवार का तबादला करवा दो। सांसद सिंधिया ने कहा कि मैं उनको चेतावनी देना चाहत हूं की लड़ना है तो बीएल अहिरवार के साथ नहीं योतिरादित्य सिंधिया के साथ लड़ो। उन्होंने कहा कि वो चूहे हैं जो प्राचार्य पर प्रहार करते हैं हिम्मत है तो उनके सामने आएं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह की सरकार सांमप्रदायिक तानाबाना खंडित करने का प्रयास कर रही है। जिस प्राचार्य को शहडोल अटैच किया गया है उसकी बच्ची का क्या दोष था कि एक बच्ची का पिता शहडोल भेज दिया गया और उसकी बेटी यहां पर है।
उल्लेखनीय है कि बीते करीबन एक माह पहले मुंगावली दौरे के दौरान प्राचार्य के बुलाने पर सांसद सिंधिया मुंगावली के गणेश शंकर कॉलेज में पहुंचे थे। उस समय छात्रों द्वारा क्षेत्रीय सांसद से कॉलेज की कमियां बताई गई थीं। जिनको सिंधिया द्वारा अपनी निधि से तीन लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। उसी मुद्दे को लेकर प्राचार्य बीएल अहिरवार को रातों-रात हटा दिया गया था। जबसे ही जिले में दलितों का मुद्दा बनाकर नेताओं ने दलितों के हित की लड़ाई लड़ना शुर कर दी हैऔर प्राचार्य को वापिस बुलाने की मांग बार-बार की जा रही है। लेकिन शहर में चर्चाए हैं कि यह मुद्दा मुंगावली के उपचुनाव को लेकर यादा गरमा रहा है।
दलित उत्पीड़न कब तक पुस्तक का हुआ विमोचन:
सम्मेलन में दलित उत्पीड़न कब तक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक में लोकसभा में सांसद सिंधिया द्वारा अनुसूचित जाति के उत्पीड़न एवं उन के हितों को लेकर उठाये गए प्रमुख वक्तव्यों का संकलन किया गया है। उक्त पुस्तक का संकलन एवं संयोजन नीरज शर्मा ने किया है।

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