जसवां परागपुर में कांग्रेस को कम नहीँ आका जा सकता

धर्मशाला,कांगड़ा जिला की जसवां परागपुर सीट डीलिमिटेशन से पहले जसवां नाम से जानी जाती थी। परागपुर व ज्वालामुखी के एक हिस्से को काटकर नया हल्का देहरा बना, तो परागपुर का नाम जसवां परागपुर हो गया। यह काफी लंबा चौड़ा चुनाव क्षेत्र है, जिसका एक छोर पंजाब से सटा भी है। यह चुनाव क्षेत्र दोनों ही दलों के लिये अहम है। इस सीट पर फिलहाल भाजपा नेता बिक्रम सिंह का कब्जा है। वह इस सीट से दो बार 2003 और 2012 में विधायक चुने जा चुके हैं। जिसका मतलब साफ है कि उनकी इस सीट पर पकड़ मजबूत है। और इसी के चलते भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनावों के लिए भी इस सीट पर एक बार फिर उन्हीं पर भरोसा जताया है।
हालांकि कांग्रेस भी चुनावी दंगल में पीछे हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार बिक्रम सिंह को टक्कर देने के लिए सुरिंदर सिंह मनकोटिया को टिकट दिया है। मनकोटिया हिमाचल प्रदेश कामगार कल्याण बोर्ड के वाइस-चेयरमैन भी हैं। मनकोटिया ने जसवां परागपुर के मौजूदा विधायक पर कई बार निशाना साधा है। उनका आरोप है कि मौजूदा विधायक ने अपने क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
इसके अलावा परागपुर के उपतहसील बनने से लोगों में काफी खुशी है। और इसके लिए स्थानीय लोगों ने सीएम वीरभद्र सिंह और मनकोटिया का आभार भी जताया है। कांग्रेस यहां स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में काफी हद तक कामयाब नजर आ रही है। कांग्रेस को इस सीट पर कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि 1967 से लेकर 2012 तक कांग्रेस पांच बार ये सीट जीत चुकी है, जबकि भाजपा ने चार बार जीत दर्ज की है। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो जसवां परागपुर सीट पर बिक्रम सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार निखिल राजौर को मात दी थी। इस सीट पर 2012 में बीजेपी को जहां 22000 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस को 15,907 वोट मिले थे। यहां इस बार कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्दर मनकोटिया ने मुकाबले को नजदीकी बना दिया है। पिछली बार की तरह इस बार यहां भाजपा सुखद स्थिती में नजर नहीं आ रही।
इसके अलावा यहां होशियार सिंह बीएसपी, अनुप कुमार आजाद ,अमित कुमार आजाद, ओम प्रकाश आजाद ,गगनदीप पराशर आजाद, मुकेश कुमार आजाद, हंसराज आजाद प्रत्याशी मैदान में हैं।

 

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