छिंदवाड़ा,नगर निगम में छुट्टियों के दिन होने वाली समीक्षा बैठक कर्मचारियों को रास नहीं आ रही है। उनके दिलों दिमाग मे छिपा रोष अब जुबान तक आ पहुंची है। हालांकि खुल कर तो कोई कुछ कहने तैयार नहीं है लेकिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली का दबे रूप में विरोध होना शुरू हो गया है। दरअसल बात ऐसी है कि राजस्व वसूली से लेकर चल रहे स्वच्छता अभियान व निगम में होने वाले अन्य कार्यो की समीक्षा के लिए छुट्टी के दिन भी निगम में बैठके रखी जा रही है। पहली एक दो बैठके तो ठीक रही लेकिन लगातार इस तरह बैठकों का आयोजन कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है। कर्मचारियों के बीच चल रही चर्चाए साफ बताती है कि वह शासकीय छुट्टी के दिनों में बैठक के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि शासन ने छुट्टी इस लिए रखी है कि कर्मचारियों पर कार्य का बोझ कम किया जाए। वहीं छुट्टी के दिनों में वह पूरा समय अपने परिवार के साथ बिता सके। लेकिन निगम में ऐसे हालात बने हुए है कि कर्मचारी न तो परिवार को वक्त दे पा रहा है न ही उसके सर से कार्य का बोझ ही कम हो पा रहा है। सूत्र बताते है कि 4 नवम्बर को भी राजस्व वसूली के मामलों को लेकर बैठक बुलाई गई है जिसमें शामिल होने कर्मचारी तैयार नहीं हैं।
बकाया है 7 करोड़
मकानों की नए सिरे से कराई गई नपाई के बाद शहर में राजस्व वसूली का टारगेट 12 करोड़ को छू गया है। जबकि वर्तमान में निगम के खजाने में 3 करोड रूपए के आसपास ही जमा हो सके है। ऐसे में निगम टारगेट पूरा करने अधिकारी कर्मचारियों की लगातार क्लास लगा रहे है।