पटना,बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की आंतरिक कलह नीतीश कुमार के लिए मुसीबत बन सकती है। यदि कलह विधायकों तक पहुँची तो नीतीश सर्कार अस्थिर भी हो सकती है। नए घटनाक्रम में बुधवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें कार्रवाई करने से किसने रोका है। दरअसल जेडीयू की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक को चेतावनी देते हुए कहा था कि जो भी मुद्दा उठाना हो वे पार्टी के फोरम में उठाएं, न कि सार्वजनिक रूप से संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के खिलाफ बयान दें। उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक ने कहा था कि आजादी के 70 साल बाद भी दलितों की समस्या बनी हुई है। इन दोनों नेताओं ने बिहार में एनडीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दलितों और वंचितों के लिए सरकार कोई काम नहीं कर रही है और आज भी वे कूड़े के ढेर से अनाज चुनकर अपनी भूख मिटा रहे हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह का चेतावनी भरा बयान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की सहमति और इशारे पर दिया गया था, लेकिन उदय नारायण चौधरी ने जिस तरह अपनी फौरी प्रतिक्रिया दी है, उससे लगता है कि इन नेताओं को कार्रवाई का कोई डर नहीं है।